कविता

प्यार लुटाया करो

 गर बेनूर हो गयी दुनिया तेरी

तो रोते बच्चों को हंसाया करो।
गर मुश्किल हो गयी जिंदगी की राहें तेरी
तो भटके राही को राह दिखाता करो।
गर बुझ गया चिराग तेरी दुनिया का
घर अपना जलाकर दुनिया को रोशन किया करो।
गर आंसु ही रह गयी दुनिया में तेरी
तो उससे  ही खुशीयों के चिराग जलाया करो।
गर बिछड़ गया हो तेरा प्यारा कोई
तो गैरों को उसके प्यार से मिलाया करो।
गर गुलशन से तूझे बस कांटे ही मिले हैं
तो दूसरे के राहों को फूलों से सजाया करो।
गर रुठी हो तूझसे तकदीर तेरी
तो गैरों के मुकद्दर को संवारा करो।
गर जिंदगी में ना मिली किसी का प्यार तूझे
तो सारे जहान पे ही अपना प्यार लुटाया करो।।
             
— विभा कुमारी “नीरजा”

*विभा कुमारी 'नीरजा'

शिक्षा-हिन्दी में एम ए रुचि-पेन्टिग एवम् पाक-कला वतर्मान निवास-#४७६सेक्टर १५a नोएडा U.P