सामाजिक

आत्मविश्वासी बनें

आत्मविश्वास एक बहुत बड़ी पूँजी होती है जो इंसान को कभी हारने नहीं देती, सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास गहना है हमारी शख़्सीयत का। जिस इंसान के भीतर ये खजाना भरा पड़ा होता है उसे मंज़िल की तलाश में भटकना नहीं पड़ता। ज़रा सी मेहनत पर मंज़िल खुद सामने आकर खड़ी हो जाती है।
सबसे पहले अतीत की असफ़लताओं को ज़हन से उखाड़ फेंको, और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करो कड़ी मेहनत का कोई पर्याय नहीं। आत्मविश्वास महसूस होते ही आपके भीतर एक उर्जा पैदा होगी जो आपको आगे बढ़ने के लिए प्रोउत्साहित करेगी। कोई भी साहस करने से कभी ना डरें, अपने आस-पास साहस करके आगे बढ़ रहे लोगों का विश्लेषण करें और उनकी नीतियों से कुछ न कुछ सीखें।
हो सकता है पहली बार में कामयाबी ना मिले पर गलती से जुदा कोई नहीं, गलती करना हर इंसान का जन्मसिद्ध अधिकार है, गलतीयाँ ही हमें सीख देती है। दो गलती के बाद खुद ब खुद सब सही होने लगेगा। कुछ लोग अपने कंफ़र्ट ज़ोन से बाहर निकलना ही नहीं चाहते। अपने बनाए हुए और तय किए हुए दायरे से बाहर निकलकर देखिए असीम फ़लक और असंख्य योजनाएं इंतज़ार कर रही है। ज़िंदगी सबको मौका देती है हमें फ़ायदा उठाना आना चाहिए।
इसके लिए सबसे पहले अपने आप को स्वीकार करें, खुद के लिए एक राय बाँध लें की मैं किसीसे कम नहीं हूँ। हर परिस्थिति का सामना करने के लिए सक्षम हूँ। हर एक मिलने वालों से आँखें मिलाकर बात करने का हुनर विकसित करें ये अदा आपको एक मजबूत शख़्सीयत बनाकर उभारेगी।
अपनी तुलना किसी ओर से गलती से भी ना करें। क्योंकि भगवान ने हम सभी को बनाते समय किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं किया है। जो बुद्धि और क्षमता ओरों को दी है वही हमें भी दी है।
साथ में निरंतर अपने बनाए लक्ष्य पर काम करते रहें। ज़िंदगी के हर मुकाम पर कदम डगमगाएंगे पर हारना नहीं, रुकना नहीं, झुकना नहीं। अपनी कमज़ोरी और ताकत को बखूबी जानें और सफलता शब्द का स्मरण करते रहें। अपने सुनहरे भविष्य के बारे में सोचें और हर परिस्थिति का सामना करने के लिए खुद को तैयार रखें। आपकी हर समस्याओं का सामना करने की शक्ति और धैर्य ही आपका आत्मविश्वास है। छाँव की आस में जैसे धूप मले पथरीले रास्तों पर कदम तेजी से चलते है, वैसे ही संघर्षों से जूझते जल्दी से आगे बढ़ेंगे तो कामयाबी कदमों में होगी। खुद पर यकीन रखिए और शुरुआत करें।
— भावना ठाकर

*भावना ठाकर

बेंगलोर