कविता

जवान की शहादत

मां बेटे को दूध पिला के
पालती है कितना कष्ट सह के
बापू दिन रात मेहनत करके
अपने जिगर के टुकड़े को
तालीम हासिल करवाता
मां हर रोज दूध मक्खन खिलाती
जो बनता सो करती खुद भुखी सो जाती
सुबह ही बेटे को उठा कर
दौड़ लगाने भेजती उछल कूद करवाती
कड़ी मेंहनत के बाद
जब बेटा बर्दी पहन फौज से लौट कर
घर आता मां को सैल्यूट मारता
बाप का सीना गर्भ से दूना हो जाता
अब की बार गया तो
ख़बर नें झकझोर दीया
आतंकवादियो से जूझते हुए
बेटा शहीद हो गया
मां का कलेजा फट सा गया
बापू सुन्न हुआ निढाल हो कर गिर पड़ा
अखिर कब तक
मां के लाल यूँ ही शहीद होते रहेंगे
आतंकियों के आधुनिक हथियारों
के आगे कब तक  पुराने घिसे
हथियारों से जवान भिड़ते रहेंगे
वक्त है सेना को सुसज्जित करने का
मनोबल बढ़ाने का
जवान की कीमत के आगे शस्त्रों की
कीमत नहीं आंकी जा सकती।
कब तक जवान शहीद होता रहेंगा
मां की गोद सूनी होती रहेगी
— शिव सन्याल

शिव सन्याल

नाम :- शिव सन्याल (शिव राज सन्याल) जन्म तिथि:- 2/4/1956 माता का नाम :-श्रीमती वीरो देवी पिता का नाम:- श्री राम पाल सन्याल स्थान:- राम निवास मकड़ाहन डा.मकड़ाहन तह.ज्वाली जिला कांगड़ा (हि.प्र) 176023 शिक्षा:- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लोक निर्माण विभाग में सेवाएं दे कर सहायक अभियन्ता के पद से रिटायर्ड। प्रस्तुति:- दो काव्य संग्रह प्रकाशित 1) मन तरंग 2)बोल राम राम रे . 3)बज़्म-ए-हिन्द सांझा काव्य संग्रह संपादक आदरणीय निर्मेश त्यागी जी प्रकाशक वर्तमान अंकुर बी-92 सेक्टर-6-नोएडा।हिन्दी और पहाड़ी में अनेक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। Email:. [email protected] M.no. 9418063995