फैशन और पैशन
जबतक ब्राह्मण
और शूद्र के बीच
अंतरजातीय
‘अरेंज्ड मैरिज’ नहीं होंगे,
तबतक समाज में,
विचार में
समताभाव
नहीं आ सकते !
××××
ब्राह्मण एक विचार है,
न कि ‘जाति’ का
नाम है ?
××××
अपने आँगन के पेड़ में
फले ‘कटहल’….
‘लॉकडाउन’ में
काम आएंगे !
××××
अधिकांश महिलाएँ
‘फ़ैशन’ पर
‘कर्ज़’ लेकर भी
खर्च करती हैं
और तकरार पर
समाज-सुधारिका
हो जाती हैं !
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सिर्फ़ मास्क पहनने से
कुछ नहीं होगा,
अपनी दिनचर्या
और चरित्र
पाकसाफ रखने होंगे !