कहानी

किसिंग इन मेट्रो

रविवार के दिन दोपहर के समय मॉल घूमने के लिए राहुल पत्नी रिया और डेढ़ वर्षीय पुत्री रिनी के संग मेट्रो में सवार हुए। मेट्रो में थोड़ी भीड़ थी लेकिन गोद में एक छोटी बच्ची को देख कर एक युवा कॉलेज विद्यार्थी ने अपनी सीट रिया को बैठने के लिए दे दी। सीट पर बैठने के बाद रिया रिनि के साथ मस्ती करने लगी। रिनि अपने छोटे-छोटे हाथों से रिया के बालों को पकड़ लेती फिर रिया का नाक पकड़ लेती। मस्त रिनि के साथ रिया भी मस्ती करने लगी। रिया अपनी नाक को रिनि की नाक से रगड़ देती और फिर रिया ने रिनि को चूम लिया। रिनि ने भी रिया को चूमा। समीप बैठे और खड़े यात्री एक छोटे बच्चे की मस्ती देख कर प्रसन्न हो रहे थे। एक माँ की उमड़ती ममता पर सभी का दिल बाग-बाग था। एक ममतामयी माँ और किलकारी मारते बच्चे के प्रेम को देख कर समीप के यात्री गदगद प्रसन्न हो रहे थे।
कुछ स्टेशन बाद थोड़ी भीड़ कम हुई और एक युवा जोड़ा मेट्रो में उनके सामने खड़ा हो गया। रिया की नजर उस लड़की पर टिक गई जिसने मिनी स्कर्ट और टॉप पहन रखा था। उसके वस्त्र अंग प्रदर्शन कुछ अधिक ही कर रहे थे। युवती युवक से सट कर खड़ी थी। युवक और युवती ने एक दूसरे की कमर में हाथ डाल दिए और एकदम चिपके हुए थे। वे दोनों, जो रिया के आगे खड़े थे, ने अपने मुख एक दूसरे की ओर किए और सबके सामने होठों पर होंठ रख कर किसिंग करने लगे। सार्वजनिक स्थान पर अनजान व्यक्तियों के सामने चुम्बन से रिया असहज हो गई और स्वाभाविक उसके मुख से निकल पड़ा “बेशर्मी की भी हद होती है।” लेकिन उन युवा जोड़े ने शायद रिया की प्रतिक्रिया नहीं सुनी वो दूसरी दुनिया में विचरण कर रहे थे, तीन चार चुम्बन लेने के बाद दोनों खिलखिला कर हँस दिए। आसपास के सभी यात्रियों की नजरें उन दोनों को भेद रही थी। यात्रियों की नजरों में अब अंतर था। जहाँ रिया और रिनि के प्रेम प्रदर्शन की यात्री सहज भाव से प्रशंसा कर रहे थे वहाँ उस युवा जोड़े के प्रेम प्रदर्शन की निंदा कर रहे थे। हालाँकि किसी पुरुष यात्री ने उस युवा जोड़े को कुछ नहीं कहा लेकिन उनकी आँखें उनको भेद रही थी। रिया की व्यंग्यात्मक टिप्पणी पर एक अधेड़ महिला से रुका नहीं गया और उस युवती का हाथ पकड़ कर डांट लगाई “सबके सामने लुच्चापन करते तुझे शर्म नहीं आ रही है।” उल्टा चोर कोतवाल को डांटे “बुढ़िया तू अपनी आँखें बंद कर ले। हमारी आजादी पर तुम रोक नहीं लगा सकती हो?” उस युवती ने उस महिला को डांटते हुए कहा “यह अपनी लड़की को चूम रही है तब तो तुम्हारे पेट में दर्द नहीं हुआ था, अब मुझ पर गर्म हो रही है।”
अब अधेड़ महिला ने मोर्चा सम्भाल लिया “अभिभावकों का छोटे मासूम बच्चों को और उन बाल गोपाल जैसे बच्चों का अभिभावकों को चूमना प्यार का प्रतीक है और तुम्हारा सार्वजनिक स्थान पर चुम्बन अश्लीलता का प्रतीक है।”
“देख बुढ़िया तू हमारी आजादी में खलल डाल रही है। भारत एक स्वतंत्र देश है और संविधान में हमें अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है।” चुम्बन लेने वाले युवक ने कहा।”
“तुम यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अपने माँ-बाप के सामने करने की हिमाकत करो तब मैं मानूँगी कि तुम स्वतंत्र हो।”
“देख बुढ़िया ज्यादा चूचपड मत कर।”
“तुम यूरोप, अमेरिका में नहीं रह रहे हो, तुम भारत में रह रहे हो। यहाँ की सामाजिक परिस्थिति यूरोप और अमेरिका से भिन्न हैं। वहाँ के नियम यहाँ लागू नहीं होते हैं। तू इस लड़की को इसके बाप के आगे चूमने की हिम्मत रख, फिर देखती हूँ कि तुम्हें कितनी स्वतंत्रता मिली है।”
अधेड़ महिला के मोर्चा सम्भालते कुछ यात्रियों ने भी विरोध किया कि मेट्रो में लुच्चापन नहीं चलेगा। विरोध के चलते दोनों युवा अगले स्टेशन पर यह कह कर उतर गए कि यहाँ सब मूर्ख, जाहिल, फूहड़ और इडियट बसते हैं। उनके मेट्रो से उतरते ही रिया ने कहा “हम मूर्ख ही अच्छे हैं।”

*मनमोहन भाटिया

नाम: मनमोहन भाटिया जन्म तिथि: 29 मार्च 1958 जन्म स्थान: दिल्ली शिक्षा: बी. कॉम., ऑनर्स, हिन्दू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय; एल. एल. बी., कैम्पस लॉ सेन्टर, दिल्ली विश्वविद्यालय संप्रति: सृष्टी होटल प्राइवेट लिमिटेड में एजीएम-फाईनेंस एंड अकाउंटस अभिरूचियाँ: कहानियाँ लिखना शौक है। फुर्सत के पलों में शब्दों को जोडता और मिलाता हूं। प्रकाशित रचनायें: कहानियाँ: 1. सरिता, गृहशोभा, प्रतिलिपि, जयविजय, सेतु, ई कल्पना, अनुभव, तुलसी अतुल्य प्रतिका, अभिव्यक्ति, स्वर्ग विभा, अनहद कृति, अरगला, हिन्दी नेस्ट और नवभारत टाईम्स में प्रकाशित 2. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की वेबसाईट hindisamay.com में कहानी संकलन। लिंक: http://www.hindisamay.com/writer/writer_details.aspx?id=1316 3. राजकमल प्रकाशन की डॉ. राजकुमार सम्पादिक पुस्तक "कहानियां रिश्तों की - दादा-दादी नाना-नानी" में कहानी "बडी दादी" प्रकाशित। ISBN: 978-81-267-2541-0 4. बोलती कहानी “बडी दादी” स्वर “अर्चना चावजी” रेडियो प्लेबैक इंडिया पर उपलब्ध। लिंक: http://radioplaybackindia.blogspot.in/2014/01/badi-dadi-by-manmohan-bhatia.html 5. कहानी “ब्लू टरबन” का तेलुगु अनुवाद। अनुवादक: सोम शंकर कोल्लूरि। लिंक: http://eemaata.com/em/issues/201403/3356.html?allinonepage=1 6. कहानी “अखबार वाला” का उर्दू अनुवाद। अनुवादक: सबीर रजा रहबर (पटना से प्रकाशित उर्दू समाचार पत्र इनकलाब के संपादक) बिहार उर्दू अकादमी के लिए। 7. प्रतिलिपी वेबसाईट pratilipi.com में कहानी संकलन। लिंक: http://www.pratilipi.com/author/4899148398592000 8. गूगल प्ले स्टोर पर कहानियों का संग्रह कथासागर। लिंक: https://play.google.com/store/apps/details?id=com.abhivyaktyapps.hindi.stories 9. गद्य कोश पर कहानियों का संग्रह। लिंक: http://gadyakosh.org/gk/%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%B9%E0%A4%A8_%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE 11 . हिन्दुस्तान टाईम्स, नवभारत टाईम्स, मेल टुडे और इकॉनमिक्स टाईम्स में सामयिक विषयों पर पत्र सम्मान एवं पुरस्कार: 1. दिल्ली प्रेस की कहानी 2006 प्रतियोगिता में 'लाईसेंस' कहानी को द्वितीय पुरस्कार 2. अभिव्यक्ति कथा महोत्सव - 2008 में 'शिक्षा' कहानी पुरस्कृत 3. प्रतिलिपि सम्मान – 2016 लोकप्रिय लेखक 4. काव्य रंगोली साहित्य भूषण सम्मान 2017 5. जय विजय रचनाकार सम्मान 2017 (कहानी विधा) संपर्क: बी – 1/4, पिंक सोसाइटी, सेक्टर - 13, रोहिणी, दिल्ली - 110085 वेब साईट: http://manmohanbhatia.blogspot.com/ https://play.google.com/store/apps/details?id=com.abhivyaktyapps.hindi.stories http://manmohanbhatialetters.blogspot.com/ https://www.google.com/+ManmohanBhatia ई-मेल: [email protected] टेलीफोन: +919810972975