कविता

व्यवहार

कठिन समय में
आपकी ही नहीं
आपके व्यवहार की भी
परीक्षा है,
आपके व्यवहार में ही तो
दिखती आपकी
सद इच्छा है।
थोड़े संयम, थोड़े मन:शक्ति की
आपको जरूरत है,
औरों की छोड़िए
आपको कुछ अलग
करने की ही तो जरूरत है।
कौन ,किसने क्या किया?
भूलना ही तो बेहतर है,
आपको कुछ अलग हटकर
करने की जरूरत है।
आप औरों से अलग
औरों से बिल्कुल अलग हैं,
बस यही तो व्यवहार में
दिखने, दिखाने की जरूरत है,
बस थोड़े संयम की ही जरूरत है।
आपका व्यवहार इतने भर से
नया राग गायेगा,
आपकी नई पहचान बनाएगा,
भीड़ में भी आपको
अलग ही पहचान दिलाएगा।
बस थोड़े संयम संकल्प और
इच्छाशक्ति की ही तो जरूरत है,
व्यवहार में बस थोड़े
बदलाव की जरुरत है।
मुश्किल लगेगा ,वक्त भी लगेगा
पर असंभव नहीं है,
थोड़ी सी कोशिश
थोड़ी सी दृढ़ता
आपके व्यवहार से
आपकी नई पहचान बन जायेगा।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921