राजनीति

कोरोना की दूसरी लहर में भी योगी सरकार कर रही है बेहतर प्रबंधन

उत्तर प्रदेश के पांच शहरों सहित कई जिलों में कोरोना की दहशत छा गयी है। प्रदेश सरकार अपनी पूर्ण क्षमता के साथ कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए काम कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी टीम के साथ मोर्चा संभाल रखा है तथा सबसे बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री स्वयं कोरोना पाजिटिव होकर आइसोलेशन में रहते हुए भी लगातार हालात व व्यवस्था की समीक्षा कर रहे हैं तथा दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं। संगठन स्तर पर भारतीय जनता पार्टी भी जनसेवा में पहले की तरह जुट गयी है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी अपने आनुषंगिक संगठनों के सहयोग के बल पर जनमानस की पीड़ा को कम करने में लग गया है। संघ से जुड़े कई चिकित्सकों ने अपने मोबाइल नंबर भी जारी कर दिये हैं। सेवा भारती कोरोना की दूसरी लहर के तेज होने पर पहले की तरह सक्रिय हो गयी है तथा कोरोना से पीडित परिवार व व्यक्ति को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाने से लेकर उनके लिए भोजन, दवा तथा जरूरत पड़ने पर आक्सीजन उपलब्ध कराने का काम भी संघ के स्वयंसेवकों ने कई जगह पर प्रारम्भ कर दिया है।
कोरोना केस अचानक बढ़ जाने और फिर मौतों की संख्या बढ़ जाने के बाद श्मशान घाट व कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार व शव दफनाने के लिए जगह नहीं बची, तो टीवी मीडिया ने पूरे देशभर में हाहाकार मचा दिया। विपक्ष भी सरकार के विरोध में बुरी तरह से पीछे पड़ गया और पूरी ताकत से विपक्ष आज भी सरकार को कोस रहा है। बीजेपी विरोधी मीडिया व विपक्ष के लिए आपदा एक राजनैतिक अवसर बनकर आ गयी है। वह रोज सरकार की बखिया उधेडने में लगा है। जिस समय पूरे देश को कोरोना महामारी के खिलाफ एकजुटता से लड़ना चाहिए और सरकार की सहायता करनी चाहिए थी, उस समय विपक्ष केवल अराजकतावादी राजनीति कर रहा है। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तन्मयता के साथ जनसेवा में जुटे हुए हंै। उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार का सहयोग भी लगातार मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फोन पर योगी जी के साथ संपर्क में रहते हैं। वाराणसी जिले की समीक्षा बैठक स्वयं प्रधनमंत्री ने की। लेकिन क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायनाड और अखिलेश यादव ने अपने संसदीय क्षेत्र के हालातों की समीक्षा बैठक की है? ये सभी नेता केवल टिवटर पर फर्जी टिवट करने बैठ जाते हैं और अराजकतावादी अफवाहें उड़ाने में जुटे रहते हैं।
वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक के बाद एक ऐतिहासिक व क्रांतिकारी फैसले ले रहे हैं। योगी जी के फैसलों को दूसरे राज्य भी लागू करने में पीछे नहीं हैं। योगी सरकार ने सबसे पहले आगामी एक मई से प्रदेश में 18 साल से ऊपर सभी लोगों का फ्री वैक्सीनेशन करवाने का फैसला लिया है जिसे अब मध्य प्रदेश और बिहार के साथ कम से कम 10 राज्यों की सरकारें भी लागू करने जा रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार ने कोविड महामारी के खिलाफ पूरी ताकत झोंक दी हैं। लखनऊ के सांसद व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को चरणबद्ध ढंग से 1000 आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने तथा 750 बेड का एक अस्पताल बनाने की पहल की है। इस पर अमल शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री भी लगातार यूपी के हालातों पर नजर रख रहे हैं। असल में कोराना की दूसरी लहर अचानक से बहुत तेज हो गयी, जिसकी आशा नहीं थी। यही कारण रहा कि शुरूआत में टीवी मीडिया और सोशल मीडिया के कारण भय और दहशत का वातावरण पैदा हो गया, लेकिन अब हालात नियंत्रण में हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में आक्सीजन बेड और दवाओं की कहीं कोई कमी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यहां की व्यापक आबादी जनसंाख्यिकी विविधता को भी देखना होगा। इस बार की लहर पिछली बार की तुलना में तीस गुना अधिक संक्रामक है। इस तथ्य को समझते हुए प्रदेश सरकार मरीजों को बेहतर इलाज के लिए सभी जरूरी इंतजाम लगातार कर रही है। मुख्यमंत्री का कहना है कि विगत फरवरी मेें जब पहला केस आया था, तब हमारे पास कोई संसाधन नहीं था। आज हर दिन सवा दो लाख टेस्ट हो रहे हैं। अस्पतालों में बेड की व्यवस्था लगातार की जा रही है।
उन्होंने बताया कि 36 जिलों में वेंटिलेटर नहीं थे लेकिन आज हर जिले में वेंटिलेटर हैं और आॅक्सीजन प्लांट है। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन फाॅर आल पर पहला बड़ा फैसला लेने वाला प्रदेश उप्र है। आजकल मीडिया चैनलों में आक्सीजन की कमी का कोहराम मचा हुआ दिखया जा रहा है लेकिन सरकार का कहना है कि प्रदेश में आक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है। जो लोग कालाबाजारी कर रहे हैं, ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़े कदम उठाये जा रहे हैं।
— मृत्युंजय दीक्षित