कविता

जिंदगी एक झमेला है…

जिंदगी एक झमेला है
खुशी और ग़म का मेला है
कौन अपना और पराया है
ये सब स्वार्थ का खेला है
रिश्ते-नाते प्यार, मोहब्बत
चले जब तक पास धेला है
जीवन के इस मकड़जाल से
लड़ता ये इंसान अकेला है
नहीं सुकूँ है इस दुनियाँ में
सबके सिर तृष्णा का ठेला है
नहीं काम आएगा कोई
अच्छे कर्मों से पार बेड़ा है
✍️रमाकान्त पटेल

रमाकान्त पटेल

ग्राम-सुजवाँ, पोस्ट-ढुरबई तहसील- टहरौली जिला- झाँसी उ.प्र. पिन-284206 मो-09889534228