कविता

कहर कोरोना का जारी

संकट छाया धरा पर देखो, कहर कोरोना का जारी
क्षण क्षण पड़ता चला जा रहा, मानव जीवन पर भारी
तांडव मचा रहा है विश्व में, कैसी आई महामारी
पहले कभी नहीं देखी थी, कोरोना जैसी बीमारी
छीन रहा जीवन का सुख यह, निगल रहा खुशियां सारी
लाया है किस मोड़ पर सबको, बनके देखो लाचारी
करो विधाता दया सभी पर, कर दो जीवन सुख कारी
मुक्त करो इस  जग को भगवन, दूर करो यह महामारी

— रीता तिवारी “रीत”

रीता तिवारी "रीत"

शिक्षा : एमए समाजशास्त्र, बी एड ,सीटीईटी उत्तीर्ण संप्रति: अध्यापिका, स्वतंत्र लेखिका एवं कवयित्री मऊ, उत्तर प्रदेश