दूसरी बार दशक के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर बने विराट कोहली
‘क्रिकेट का बाइबिल’ कही जाने वाली पत्रिका विजडन क्रिकेटर्स अलमैनाक द्वारा पहले वनडे मैच की 50वीं सालगिरह पर हाल ही में 1971 से 2021 के बीच हर दशक के लिए एक सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर चुना गया। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को पत्रिका द्वारा 2010 वाले दशक का सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय क्रिकेटर चुना गया जबकि इंग्लैंड के हरफनमौला बेन स्टोक्स को लगातार दूसरे साल भी ‘वर्ष का सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर’ चुना गया। विजडन के सम्पादक के मुताबिक स्टोक्स ने बीते साल 58 मैचों में 641 टेस्ट रन बनाए और 19 विकेट भी हासिल किए, जो किसी भी अन्य क्रिकेटर से बेहतर प्रदर्शन था। पत्रिका के अनुसार दिसम्बर माह में उनके पिता की मौत जैसी पारिवारिक त्रासदी के बावजूद उन्होंने खेल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। जहां तक विराट कोहली की बात है तो विश्व कप 2011 की विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे विराट ने 10 वर्षों के अंतराल में 60 से ज्यादा की औसत से 11 हजार से भी ज्यादा रन बनाए। कोहली के अलावा विजडन द्वारा मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को 1990 के दशक का वनडे क्रिकेटर और 1983 की विश्व कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव को 1980 के दशक का सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर चुना गया। उल्लेखनीय है कि तेंदुलकर ने 1998 में सर्वाधिक 9 वनडे शतक बनाए थे, जो एक कैलेंडर वर्ष में किसी भी बल्लेबाज द्वारा लगाए गए सर्वाधिक शतक का रिकॉर्ड है। कपिलदेव ने 1980 के दशक में सर्वाधिक विकेट झटके थे और सर्वाधिक स्ट्राइक रेट से एक हजार से ज्यादा रन बनाये थे। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 1983 विश्व कप अपने नाम किया था।
विराट पिछले चार महीनों के अंदर दूसरी बार दशक के सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय क्रिकेटर चुने गए हैं। इससे पहले उन्हें 28 दिसम्बर 2020 को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा दशक का सर्वश्रेष्ठ पुरुष क्रिकेटर चुना गया था और सर गारफील्ड सोबर्स पुरस्कार से नवाजा गया। आईसीसी द्वारा दशक की टेस्ट, वनडे और टी-20 की जिन टीमों का चयन किया गया था, स्टार बल्लेबाज कोहली तीनों ही फार्मेट में शामिल होने वाले एकमात्र क्रिकेटर रहे थे। विराट को दशक की टेस्ट टीम का कप्तान भी बनाया गया। सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में शुमार भारतीय टीम के कप्तान 32 वर्षीय विराट ने अगस्त 2008 में श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण किया था और 254 वनडे में वह 12169 रन बना चुके हैं। 2011 की विश्व कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे कोहली ने कुल 42 शतकों के साथ 10 वर्षों की अवधि में ही 11 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं। विगत दस वर्षों में विराट ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में कुल 66 अंतर्राष्ट्रीय शतक तथा 94 अर्धशतक जड़ते हुए 20 हजार से भी ज्यादा रन बनाए। इस एक दशक की अवधि में उन्होंने टेस्ट, टी-20 तथा वनडे में 56.97 के औसत से 20396 रन बनाए और दशक में वनडे में 10 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी भी बने, जो उन्होंने 61.83 के औसत से बनाए। वनडे मैचों में विराट ने 12040 रन, टेस्ट क्रिकेट में 7318 रन और टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में इन दस वर्षों में 2928 रन बनाए और सभी प्रारूपों में मिलाकर उनका औसत 50 से अधिक का रहा। 70 से अधिक पारी खेलते हुए उनका सर्वाधिक औसत 56.97 का रिकॉर्ड रहा। वन-डे में उन्होंने एक दशक में 39 शतक और 48 अर्धशतक जड़े तथा 112 कैच लपके।
दिल्ली में 5 नवम्बर 1988 को जन्मे विराट कोहली का जीवन आसान नहीं रहा। जिस दिन वह दिल्ली की ओर से कर्नाटक के खिलाफ रणजी मैच खेल रहे थे, उस दिन उनके पिता का देहावसान हो गया था किन्तु दुखों का इतना बड़ा पहाड़ टूटने पर भी विराट ने टूटने के बजाय न केवल वह मैच पूरा किया बल्कि उस मैच को अपने पिता के नाम समर्पित किया था। विराट ने 2008 में एकदिवसीय मैचों में पदार्पण किया था और 2011 में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा। उसी वर्ष वह विश्व कप की विजेता टीम का हिस्सा भी बने और उसी दौरान अपने पदार्पण मैच में ही शतक जड़कर अहसास करा दिया था कि उनके हौंसले कितने बुलंद हैं। अपने कैरियर का पहला रन विराट ने महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तानी में बनाया था और मजेदार बात यह रही कि उनका 10 हजारवां रन भी धोनी की मौजूदगी में ही बना था।
विराट कोहली की विराट शख्सियत के बारे में आस्ट्रेलिया के विख्यात क्रिकेटर टॉम मूडी का कहना है कि विराट इस शिखर पर अकेले हैं, जहां न पहले कोई था और न बाद में कोई होगा। सचिन तेंदुलकर विराट की निरंतरता और जुनून के साथ उनकी बल्लेबाजी को बेमिसाल बताते रहे हैं तो वीरेन्द्र सहवाग का उनके बारे में कहना है कि विराट ने निरंतरता को नए आयाम दिए हैं और यह ‘सॉफ्टवेयर’ हर वक्त अपडेट होता रहा है। बांग्लादेश के स्टार बल्लेबाज तमीम इकबाल तो विराट की तारीफ करते हुए यहां तक कहते हैं कि कभी-कभी ऐसा लगता है कि भारतीय कप्तान विराट कोहली इंसान नहीं हैं क्योंकि जैसे ही वह बल्लेबाजी के लिए उतरते हैं, ऐसा लगता है कि वह हर मैच में शतक बनाएंगे। तमीम के मुताबिक विराट जिस तरह अपने खेल पर कार्य करते हैं, वह अविश्वसनीय है। वह कहते हैं कि पिछले 12-13 वर्षों में उन्होंने सभी महान खिलाडि़यों को खेलते देखा है किन्तु ऐसा व्यक्ति नहीं देखा, जिसने विराट जैसा दबदबा बनाया हो।
जिस समय विराट के कैरियर की शुरूआत हुई थी, उस समय क्रिकेट में धोनी और सहवाग की तूती बोलती थी लेकिन विराट ने कुछ ही समय में अपने प्रदर्शन से हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। हालांकि तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन यही विराट अपने नाम के ही अनुरूप क्रिकेट में विराट कीर्तिमान स्थापित करते हुए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का इतना बड़ा सितारा बन जाएगा और रिकॉर्डों के मामले में क्रिकेट के भगवान माने जाते रहे सचिन तेंदुलकर को भी पीछे छोड़ देगा। अंडर-19 क्रिकेट टीम हो या सीनियर टीम, विराट ने हर जगह अपने बल्ले से ऐसे जलवे दिखाए हैं कि खेलप्रेमी उनके दीवाने हो गए। कहना गलत नहीं होगा कि अपने जोश, जुनून, तेज गति से रन बनाने की भूख और कड़ी मेहनत के बलबूते पर विराट आज जिस पायदान पर खड़े हैं, वहां उन्होंने तमाम भारतीय खिलाडि़यों को पीछे छोड़ दिया है।
— योगेश कुमार गोयल