कविता

मजदूर हूँ….

नियोजित,
पारा
और अतिथि शिक्षक भी
‘मज़दूर’ हैं..
हर जोर, जुल्म की
टक्कर में
संघर्ष हमारा नारा है..
भारत के
नियोजित शिक्षक एक हो !
××××
कवि धूमिल जी कहिन-
एक आदमी रोटी बेलता है,
दूसरा आदमी रोटी खाता है;
एक तीसरा आदमी भी है
जो न रोटी बेलता है,
न रोटी खाता है,
वह सिर्फ़ रोटी से खेलता है !
××××
लॉकडाउन में
एक ही जगह रहने से
एक कार्य करने से
काफी सुकून
और शांति मिल रही है,
वो है ‘पादने’ से
हँसिये मत !
आप भी
यह बम फोड़िये !
××××
मैं श्रमिक परिवार से हूँ,
मेरे परिवार में
सभी श्रमिक हैं !
जहाँ श्रम,
वहाँ शर्म कैसा ?
××××
दिखने में कैसे भी हों ?
हमें तो सिर्फ़
‘स्वाद’
चाहिए !
यानी यह भी
कि दिखने में कैसे भी हो ?
पुल्लिंगों को तो
सिर्फ़ ‘स्वाद’ चाहिए !
क्यों ?
शर्म करो !
××××
सरकार के
विविध योजनाओं के
हिसाब-किताब करने
और एमडीएम के
जोड़-पछाड़ के कारण
यहाँ शिक्षक
‘क्लर्क’ बने हुए हैं !
××××

 

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.