पिताजी की चप्पलें और अन्य क्षणिकाएँ
पिताजी !
आपकी रबड़ की चप्पलें,
जमीन की धूल का,
सादगी से एक रिश्ता है,
जो इन चप्पलों को
छूकर गुजरता है !
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क्या चुराए गए
‘बेल’ की शर्बत की मिठास
वाकई अच्छी होती है ?
‘चोरी’ की चीज खाने से
‘भगन्दर रोग’
नहीं होता है न !
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वे डॉक्टर नहीं,
भगवान हैं !
किन्तु
भगवान से
मिलने के लिए
‘फ़ीस’ देनी होती है !
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आप किधर हैं….
कोड़े खाने को
या
पकोड़े बेचने को !
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अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता
स्वतंत्रता दिवस
पर
सभी संवाददाता,
पत्रकार बंधुओं को
सादर शुभकामनाएं !
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‘पद्म अवार्ड’
प्राप्त करनेवाली
हिंदी फिल्म की
पहली अभिनेत्री
‘मदर इंडिया’
नरगिस दत्त की
पुण्यतिथि पर नमन
और विनम्र श्रद्धांजलि….