कविता

मुस्कराती आँखें रोते ओठ

“मम्मी,
सच्चाई क्या होती है ?”
“जैसे- ‘हमाम’ साबुन !”
हमाम यानी जहाँ सब जने
नंगे रहते हैं ?
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‘नाव’ बेड़ा पार करती है,
किन्तु ‘तनाव’ बेड़ा गर्क
कर डालती है,
परंतु ‘चुनाव’
आर-पार लड़ाती है !
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दोस्त को दौलत की
निगाह से
नहीं देखा करते;
वफ़ा करनेवाले दोस्त
अक्सर गरीब हुआ करते!
××××
दूरभाषीय
यानी स्वरदूतीय संदेश
नहीं जा पाने के कारण
सभी 151 मित्रों को
सदाबहार सुप्रभात
और शुभजीवन !
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वो सहारे की बात करते हैं,
इशारे में जवाब माँगते हैं;
जो खुद गिर-गिरकर
उठ खड़े हुए हैं;
वो किसी के
इंतज़ार नहीं करते!
मित्र सदानंद चौधरी की तासीर।
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कभी आपने देखा है
मुस्कराती आँखें
और
रोते ओठ !
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डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.