लव-कुश का पारिवारिक माहौल
सम्पूर्ण जगत की
महिलाओं के आदर्श देवी
‘सीता’ माता….
हर घर की सोच है,
सीता जैसी बेटी
और बहू मिले,
किन्तु सीता-सी कष्ट नहीं !
रोज पलंग से उतर झूले पर,
फिर झूले से उतर पीढ़े पर
और कहीं जाना है,
तो पालकी पर….।
यह ‘प’ सुख
उनके जीवन में
‘व’ से वन-दुःख लेकर
दो-दो बार आयी।
खुद पति मर्यादा पुरुषोत्तम
श्रीराम से इतर
किसी अन्य पुरुष तक को
नहीं सोचनेवाली को
क्या पति से प्यार मिला ?
इतना ही नहीं,
हरबार लोग
यही सोचते हैं,
लव, कुश को क्या
कभी पारिवारिक
माहौल मिला !