कविता

/ करोना के इस आपात काल में… /

बटोरो अपनी शक्ति को
एकता के बिंदु पर
एकांत के क्षणों में
विजय तुम्हारा ही होगा
असहाय मत समझो,
यह मत भूलो कि
अखंड शक्ति तुम्हारी है
इस जग में
छोड़ो, भविष्य की चिंता
काल की कठोरता में
सकारात्मक चिंतन भर लो
जीत निश्चित है मनुष्य की
हर आपात में
समाधान है हर समस्या का
इतिहास इसका प्रमाण है।

जिंदगी लाखों – करोड़ों रूपये में नहीं
एक दूसरे के साथ चलने में है
जोड़ो अपने अखंड मन को
दूसरे की सहायता का नाम लेते रहो
यही मंत्र, यही तंत्र, यही जीवन राज है
कभी नहीं मिलेगी मन की शांति
धोखाधड़ी या लूटपाट से
असहाय, निरीह जनता का
हाहाकार सुनो
करोना के इस आपात काल में
अपनी सहायता का हाथ खोलो
भर लो भरोसा, जगा दो एक आशा
जीने का विश्वास उनको दिला दो।

पी. रवींद्रनाथ

ओहदा : पाठशाला सहायक (हिंदी), शैक्षिक योग्यताएँ : एम .ए .(हिंदी,अंग्रेजी)., एम.फिल (हिंदी), सेट, पी.एच.डी. शोधार्थी एस.वी.यूनिवर्सिटी तिरूपति। कार्यस्थान। : जिला परिषत् उन्नत पाठशाला, वेंकटराजु पल्ले, चिट्वेल मंडल कड़पा जिला ,आँ.प्र.516110 प्रकाशित कृतियाँ : वेदना के शूल कविता संग्रह। विभिन्न पत्रिकाओं में दस से अधिक आलेख । प्रवृत्ति : कविता ,कहानी लिखना, तेलुगु और हिंदी में । डॉ.सर्वेपल्लि राधाकृष्णन राष्ट्रीय उत्तम अध्यापक पुरस्कार प्राप्त एवं नेशनल एक्शलेन्सी अवार्ड। वेदना के शूल कविता संग्रह के लिए सूरजपाल साहित्य सम्मान।