लघुकथा

इंसाफ 

“सुप्रीम कोर्ट से बरकरार फाँसी की सजा को रद्द करने के लिए तुम्हारे नाबालिग बेटे द्वारा दायर याचिका राष्ट्रपति ने अस्वीकार कर दी है”, वर्षों से सलाखों के पीछे बंद युवा महिला कैदी को सूचना मिली। सुनकर अश्रु गालों से ढुलककर कालकोठरी का फर्श भिगोने लगे। बंदी गृह में वर्षों से गिरते अश्रु भी अब सूखने से लगे थे। याचिका रद्द होने की खबर से व्यथित फर्श पर लेट गई।

तभी कोठरी में तेज रोशनी फैलने लगी! आँखें मिचमिचाकर देखने की कोशिश की तो रोशनी के मध्य से सारे परिजन एक-एक करके उसके समक्ष प्रकट होने लगे, पारदर्शी शरीर लिए हवा में तैरते से। सबसे आगे नवजात पोते को गोद में उठाए माँ बोली, “राक्षस है तू! तुझे बेटी कहते शर्म आती है। क्या सोचा था, ‘फुल प्रूफ प्लान बनाया है। डकैत आए थे, सबको मार कर डकैती करके चले गए’, सबको यही कहानी सुनाई थी न? पर तुझे क्यों छोड़ दिया? इस प्रश्न की संभावना के बारे में नहीं सोचा?”

“तुम और आशिक पकड़े नहीं जाओगे! हमारी कब्र पर प्रेम का आशियाँ खड़ा कर लोगे, यही थे ख्वाब तुम्हारे? एम.ए. पास बेटी का हाथ मिडिल पास को नहीं देना चाहा। उसकी इतनी बड़ी सजा? सारे परिजनों को मौत की नींद सुला दिया!” पिता ने प्रश्न किया।

“बड़ी निकृष्ट स्त्री है तू! बड़ों ने रोका था, नवजात भतीजे ने क्या बिगाड़ा था? तुझे एक नहीं, बार-बार फाँसी होनी चाहिए” भाई बोला।

“इंतजार क्यों, यहीं खत्म कर देते हैं”, सबने गला दबाना शुरू कर दिया उसका।

गों-गों की ध्वनि जेल कर्मचारी ने सुनी तो ताला खोलकर पूछा, “क्या हुआ?”

तंद्रा भंग हुई। शरीर पसीने से लथपथ, हाथ गर्दन पर, जैसे किसी ने सचमुच गला दबाया हो। “मैं ठीक हूँ”, उसने कहा। मौत के फरमान पर ऊपर वाले के हस्ताक्षर हो गये हैं, शायद इशारा था। सहमी हुई, घुटनों में सर छुपाए बैठी रही।

— नीना सिन्हा

नीना सिन्हा

जन्मतिथि : 29 अप्रैल जन्मस्थान : पटना, बिहार शिक्षा- पटना साइंस कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय से जंतु विज्ञान में स्नातकोत्तर। साहित्य संबंधित-पिछले दो वर्षों से देश के समाचार पत्रों एवं प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में लघुकथायें अनवरत प्रकाशित, जैसे वीणा, कथाबिंब, सोच-विचार पत्रिका, विश्व गाथा पत्रिका- गुजरात, पुरवाई-यूके , प्रणाम पर्यटन, साहित्यांजलि प्रभा- प्रयागराज, डिप्रेस्ड एक्सप्रेस-मथुरा, सुरभि सलोनी- मुंबई, अरण्य वाणी-पलामू,झारखंड, ,आलोक पर्व, सच की दस्तक, प्रखर गूँज साहित्य नामा, संगिनी- गुजरात, समयानुकूल-उत्तर प्रदेश, शबरी - तमिलनाडु, भाग्य दर्पण- लखीमपुर खीरी, मुस्कान पत्रिका- मुंबई, पंखुरी- उत्तराखंड, नव साहित्य त्रिवेणी- कोलकाता, हिंदी अब्राड, हम हिंदुस्तानी-यूएसए, मधुरिमा, रूपायन, साहित्यिक पुनर्नवा भोपाल, पंजाब केसरी, राजस्थान पत्रिका, डेली हिंदी मिलाप-हैदराबाद, हरिभूमि-रोहतक, दैनिक भास्कर-सतना, दैनिक जनवाणी- मेरठ, साहित्य सांदीपनि- उज्जैन ,इत्यादि। वर्तमान पता: श्री अशोक कुमार, ई-3/101, अक्षरा स्विस कोर्ट 105-106, नबलिया पारा रोड बारिशा, कोलकाता - 700008 पश्चिम बंगाल ई-मेल : [email protected] व्हाट्सएप नंबर : 6290273367