गीत/नवगीत

आज सीख वह देता है

आज सीख वह देता है।
आखिर वह मेरा बेटा है।।

उसके जन्म से बाप बना।
खुद को भूला, ताप बना।
होते हुए भी, अभाव दिए,
मजबूत बने, मैं घात बना।
ज्ञान में, उसे लपेटा है।
आखिर वह मेरा बेटा है।।

खेल-खिलोनों से दूर रखा।
वात्सल्य भी, नहीं  चखा।
योग्य बनाने के चक्कर में,
बना नहीं, मैं कभी सखा।
एकान्त ने दिया चपेटा है।
आखिर वह मेरा बेटा है।।

वह तकनीक की ओर चला।
जीवन से,  वह दूर  चला।
मोबाइल ही, है बस साथी,
सम्बन्धों से, वह, दूर चला।
बड़ा हुआ, अब  चेता है।
आखिर वह मेरा बेटा है।।

संबंधों का,  बंधन तजकर।
रहना नहीं, कहीं तू फंसकर।
उड़ ले, गगन में, जितना चाहे,
जीवन जीना तू बस हँसकर।
समझे न  कोई हेटा  है।
आखिर वह मेरा बेटा है।।

डॉ. संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

जवाहर नवोदय विद्यालय, मुरादाबाद , में प्राचार्य के रूप में कार्यरत। दस पुस्तकें प्रकाशित। rashtrapremi.com, www.rashtrapremi.in मेरी ई-बुक चिंता छोड़ो-सुख से नाता जोड़ो शिक्षक बनें-जग गढ़ें(करियर केन्द्रित मार्गदर्शिका) आधुनिक संदर्भ में(निबन्ध संग्रह) पापा, मैं तुम्हारे पास आऊंगा प्रेरणा से पराजिता तक(कहानी संग्रह) सफ़लता का राज़ समय की एजेंसी दोहा सहस्रावली(1111 दोहे) बता देंगे जमाने को(काव्य संग्रह) मौत से जिजीविषा तक(काव्य संग्रह) समर्पण(काव्य संग्रह)