बैंगन-टमाटर की रेसिपी
यह अज़ीब है न
कि बैंगन-टमाटर की
दोस्ती में
ऐसा सेटिंग हुआ
कि आलू-धनिये के साथ
इम्लाई डकार दे बैठे !
कुछ तो विडम्बना है
और ऐसा तो नहीं
कि हम कुरूपों के
अलग ईश्वर होते है !
हम गरीबों के
अलग ईश्वर होते हैं !
आईएएस के अलग ईश्वर;
तो पारा टीचरों के
अलग ईश्वर !
तभी कहना है
कि शादी कोई उपलब्धि नहीं है !
इनसे होती आज़ादी खत्म
और देश की जनसंख्या में
वृद्धि होती है,
फिर जनसंख्या वृद्धि जहाँ
देश के विकास में बाधक है !
हरबार की तरह
जिनके पास धन है,
वही मनाते हैं धनतेरस;
पर मेरे पास तो पुस्तकें हैं,
इसलिए बुकतेरस मनाता हूँ !
हम अपनों को
कहाँ समझ पाते हैं ?
कुछ सहकर्मी भी
अपना काम निकालने के लिए
आपसे जुड़ेंगे जोंक की तरह
और दूसरे से दुश्मनी करा देंगे,
फिर काम हो जाने के बाद
आपका खून पीकर
अलग हो जाएंगे !