कविता

मोहब्बत आज भी चेहरों से शुरू होकर चेहरे पे खत्म होती है !

यह कहना
कितना संदिग्ध है
कि प्रेम ‘चीनी’ है,
जिनके बिना
‘चाय’ बेमज़ा है
और जिनके
ज्यादा सेवन से
डायबिटीज़
यानी ‘वासना’ तय है !
इसके परन्तुक
स्त्री-पुरूष के बीच के
प्रेम में
वास्तविक प्रेम तो
औरत ही करती है,
पुरुष तो
प्रेम का भोग करता है।
यह सच है
कि पुरुष में देने का
सामर्थ्य नहीं,
वह स्त्री को
पाना चाहता है।
स्त्री को पुरुष से
समर्पण भाव
नहीं मिलने पर
वे मोलभाव में
लग जाती हैं !
यह विस्मित करता है
कि किसी ने
कितना करीब
कहा है-
जो कि
कितना अजीब है,
वो दिलों की
बात करता है
जमाना;
पर मुहब्बत आज भी,
चेहरों से शुरू होती है !
क्योंकि
प्रेम में भावों,
संवेदनाओं
और साँसों का
निवेश जरूरी है !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.