मिस्टर विकास
मिस्टर विकास !
उन्हें आपने
कभी काम दिए
या मुख्य धारा में
आने के लिए सरकार को
और उनके संगठन को
कितने पत्र लिखे ?
अगर ‘जनप्रतिनिधियों’ से
तात्पर्य
‘जनसेवक’
या जन सेवा
करने को लेकर है,
तो अविवाहित ही
एमपी, एमएलए हो
या पंचायत प्रतिनिधि हो,
ऐसा नियम बने !
स्वार्थ से परे
‘किन्नर’ बंधुओं को
मुख्यधारा में लाकर
और उन्हें ही जनप्रतिनिधि
यानी एमपी, एमएलए,
एमएलसी
या पंचायत प्रतिनिधि
बनाए जाने चाहिए !
किन्नर बन्धु को
सिर्फ़ एकबार
एमएलए के रूप में
उन्हें मौका मिला है,
जो कि उप चुनाव था !
अन्य मौके
इसलिए नहीं मिले,
क्योंकि निकम्मे मर्द को
उनका बनना चुभा था !
गधे जी मर्द !
लेकिन हाथी तो ठहरे जोकर,
जो ‘गधे’ के
थोड़े उछल-कूद से ही
भाग खड़े होते हैं,
दिग्गज जी !