महर्षि मेंहीं के प्रति
बीसवीं सदी के बुद्ध
परमादरणीय
“महर्षि मेंहीं परमहंस”
शत शत नमन….
उत्तर भारत,
नेपाल, भूटान
और जापान तक
प्रख्यात हुए
संतमत-सिद्धांत के
लेखक-विचारक
परमसंत ‘महर्षि मेँहीँ’ की
137वीं जन्म-जयंती
वैशाख शुक्ल चतुर्दशी पर
सभी आस्थावलम्बियों,
सत्संगीजनों को
सादर नमन….
ध्यातव्य है,
महर्षि जी के
‘सत्संग योग’
चतुर्थ भाग की
पहली समीक्षा
मैंने की थी,
जो प्रसारित
और प्रकाशित भी
हुई थी बहुत पहले !
20वीं सदी के बुद्ध
महर्षि मेंहीं परमहंस
जिनसे प्रेरणा पायी,
शाकाहार अपनाने की
और झूठ, चोरी, नशा, हिंसा
और व्यभिचार तजने की !