दौर दौर की बात
आज बुरा दौर है तो
कल अच्छा भी आएगा
यह तो दौर है
कभी रुकता नहीं
यह तो बहता दरिया है
थमता नहीं एक जगह
इंतजार कर धैर्य कर
उस दौर का
फिर बजेगी स्वर लहरियां
गुजेंगी किलकारियां
पवन मुस्कुराएगी
चेहरे खिलखिलाएंगे
दौर फिर पुराना आएगा
साज भी सजेंगे
महफिलें भी सजेंगी
कमी बस उनकी खलेगी
जो महफ़िल से उठ चले गए