कविता

माँ

माँ इश्क़ है

पिता –

 पूर्ण इश्क़ की भागीदारी

एक जन्नत है दोनों से

नहीं तो दुनिया की है बेरोज़गारी

इश्क़ के बिना रंग नहीं

भागीदारी के बिना जंग नहीं

जंग के बिना दुनिया नहीं

दुनिया इश्क़ है

माँ इश्क़ का हिस्सा

जहाँ से मोहब्बत की

 शुरुआत होती है

 

— शिखा सिंह 

शिखा सिंह

जन्मस्थल - कायमगंज स्नातकोत्तर- के.एन.कालेज कासगंज. प्रकाशन- विभिन्‍न पत्र पत्रिकाओं में आलेख एवं कविताएँ प्रकाशित जैसे - लखनऊ से, उत्कर्ष, लखनऊ से रेवान्त पत्रिका ,जनसंदेश टाईम्सअखबार,अग्रधारा पत्रिका, अनुराग ,अनवरत, कविता संग्रह, भोजपुरी पंचायत, लोक चिंतक कवि हम - तुम कविता संग्रह और अन्य पत्रिकाओं में भी प्रकाशित सृजन पोर्टल दिल्दी बुलेटिन पोर्टल अन्य !! सम्पर्क-जे .एन.वी.रोड़ फतेहगढ़ फर्रुखाबाद (उ प्र,) पिन कोड- 209601 e-mail [email protected]