मेरे पास पलंग नहीं है
एक महिला ने
मुझसे कहा-
शादी और दोस्ती
समान उम्र,
समान संपत्ति,
समान शिक्षा,
समान स्मार्टनेस से
करनी चाहिए ?
××××
भारत में अबतक
एक ही
पीएचडी पीएम हुए हैं,
जिनके लम्बे कार्यकाल में
एलएलबी डिग्रीधारी ‘मंत्री’
ज्यादा ही दागदार हुए !
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कल अपने मायके आ गयी हूँ,
अभी कुछ माह यहीं रहूँगी !
मिलना-जुलना बंद,
अंटशंट पर चाक-चौबंद !
यही तो है अभिशप्त प्रेम,
केम छो, छो केम !
मशविरे भी फोन पर,
देह गयी लोन पर !
तरसते रहो प्यारे,
पति बेचारे !
××××
परिपक्व दोस्त को
एक शे’र सादरार्पित-
‘मेरे सपने में रोज एक
चाँद का टुकड़ा आती है,
अफ़सोस वो मुझसे
न कुछ कहती न जगाती है’
अहसास एक प्रेमकथा,
जैसे वृक्ष से चिपकी है लता !
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चलिए आपके पलंग भी
देख लिए !
यानी नियोजित शिक्षकों के पास भी
पलंग है,
मेरे पास नहीं है !
वैसे मास्क और दूरी,
अब भी जरूरी !
रक्षासूत्र लिए बहनजी को
शुभमंगलकामनाएँ !