सात्यिकी अन्वेषण
‘संविधान’ में अपने देश का नाम भारत और India है, इसके अलावा अन्य किसी पर्यायार्थ नाम का जिक्र नहीं है । भारत से भारतीय का बोध पाते हैं, India से Indian का ।
अगर ‘हिंदुस्तान’ पुकारते हैं, तो स्वभावश: यहाँ के सभी निवासी जो यहाँ रहते हैं, वो ‘हिन्दू’ है ! हिन्दू सब धर्मों का मूल है, जिनकी सात्त्विक संस्कृति संसार में सर्वाधिक पुरानी है।
महात्मा गाँधी ने कहा था, ‘सत्य की अनवरत खोज का नाम हिन्दू है।’
देश में एक दिन यानी अपना गणतंत्र दिवस को दिल्ली में शस्त्रास्त्र का परेड होता है । हम हमेशा नहीं, 70 की उम्र में जाकर ही गाँधी बन लाठी उठाते हैं।
हम भारतीय 80 की आयु पार करने पर ही वीर कुँवर सिंह बन तलवार भाँजते हैं, किन्तु ऐसा तब होता है, जब ‘गीता’ का उपदेश मूढ़-मगज़धारी को समझ में नहीं आता है।