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हमारे बापू जी

यह विडंबना है कि जिस गुलाम भारत में परमपूज्य मोहन बापू ने 68+ वर्ष जीये, वे भारत के आज़ाद होते ही 6 माह भी खुली साँसें नहीं ले सके । जिस गोरे सरकार ने न अफ्रीका में, न ब्रिटिश भारत में बाल -बाँका कर पाए, उसे एक भारतीय ने मार डाला । देश के राष्ट्रपिता को नोबेल शांति सम्मान न देकर नोबेल समिति ने भी अफ़सोस जाहिर किया, कालांतर में उनके कई चेलों ने यह सम्मान पाया ।

वे गाँवों में रहनेवाले संत -महात्मा थे, हैं। उनकी पुण्यतिथि व शहादत दिवस (30 जनवरी) पर उनकी सेवापरायणता के कारण ही ‘कुष्ठ निवारण दिवस’ भी मनाया जाता है, कुष्ठग्रस्त भाई -बहनों के सेवार्थ । महान आत्मा को आदरांजलि !

संत नरसी मेहता के भजन — ‘रघुपति राघव राजा राम….’ और ‘वैष्णव जन तेने कहिए…..’, जिसे गाँधीजी ने गुनगुनाकर और भी अमर बना दिया। पूज्य बापू के साथ सभी शहीद भारतीयों को श्रद्धालेश नमन ! तारीख 30 जनवरी को पूज्य बापू महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि है, जो देश और हमारे लिए एक सनकी भारतीय की गोली खाकर शहीद हो गए, हालांकि 23 मार्च के दिन भी सरदार भगत सिंह आदि स्वतन्त्रता सेनानी शहीद हुए थे, परंतु प्रतिवर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहीद तिथि को ही ‘शहीद दिवस’ के रूप में भारत सरकार मनाते आ रहे हैं।

इस दिन इतिहास के तमाम शहीदों को स्मरण कर हमें अपने गाँव-जँवार के शहीदों के प्रति श्रद्धाँजलि और उनके परिवार के प्रति कृतज्ञता अर्पित करने चाहिए, पर यह सिर्फ ‘शहीद दिवस’ की तिथिवाले दिन ही नहीं होने चाहिए। आजकल हम ‘महान इंसानों’ को भूलते जा रहे हैं, महात्मा गांधी के नामभर जान लेने से नहीं होगा, बल्कि उनके ईमानदार व्यक्तित्व और कृतित्व को भी हृदयंगम करना होगा !

क्या हम उरी हमले के शहीदों के नाम जानते हैं ? वह छोड़िये, पटना के ही सात शहीदों के नाम मुँहजबानी तो बताइये । जहाँ तक फ़र्ज़ की बात है, तो उनके सिद्धांत एक फीसदी ही अमल करके तो दिखाइये !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.