कोरोना की तीसरी लहर : जागरूक भी सुरक्षा भी’
वर्तमान में हम सभी कोरोना की दूसरी लहर का ही सामना कर रहे हैं। जिसके बारे में हमने सोचा तक नहीं था कि, दूसरी लहर जैसा भी कुछ आएगा। हम सब बेफिक्र होकर रहने लगे। जब आशंका ही नहीं थी तो सरकार और हमारे द्वारा कोरोना से लड़ने के लिए किसी प्रकार की तैयारी भी नहीं की गई। जिसका खामियाजा पूरे भारतवर्ष के साथ-साथ विश्व के कुछ अन्य हिस्सों को भी भुगतना पड़ा। जहां पर कोरोना की दूसरी लहर ने अपना प्रचंड रूप दिखाया।
कोरोना जैसी महामारी के संदर्भ में ‘लहर’ शब्द का प्रयोग से आशय है, जब किसी वैश्विक महामारी के दौरान संक्रमितों की संख्या में घट – बढ़ होती रहती है। जिससे एक ग्रोथकर्व बन जाता है, जिसे ‘लहर’ कहा जाता है। भारत देश में कोरोना की दो लहर आ चुकी है। पहली लहर 16 सितंबर 2020 को, जहां पहली बार देश में 24 घंटे में 97,894 नए मामले सामने आए थे। इसके बाद इन मामलों में कमी आई, लेकिन 6 मई 2021 को 4,14,188 नए मामले सामने आए थे। इन दोनों ही लहरों के दौरान कोरोना संक्रमित ओं की संख्या हाई पीक (बड़ी लहर) पर पहुंची थी। उदाहरण के लिए किसी देश, राज्य या शहर के भीतर छोटे क्षेत्रों की अपनी कोरोना की लहर हो सकती है। जैसे दिल्ली ने अब तक अप्रैल-मई 2021 तक 4 लहरों का अनुभव किया। यह लहरें एक लंबे अंतराल के बाद आती है। भारत में दोनों लहरों का लहरों के बीच का अंतराल छह माह था।
कोरोना का वायरस एक बहुरूपिया है, जो हर बार अपना नया वेरिएंट लेकर आता है। यह वेरिएंट पहले से भी ज्यादा खतरनाक होता है। कोरोना की पहली लहर में इस वायरस ने इम्यूनिटी को प्रभावित किया था। लेकिन दूसरी लहर पहले की अधिक हानिकारक थी। दूसरी लहर जिसने इम्यूनिटी को और अधिक प्रभावित किया। पहले से कोई अंदेशा न होने के कारण सरकार और सामान्य जन द्वारा किसी प्रकार की कोई तैयारी तथा सावधानी नहीं रखी गई। यहां तक की लोग पूरी तरह से बेफिक्र होकर कोविड-19 नियमो का पालन ही बंद कर दिया। इसी का नतीजा है कि, कोरोना को अपने पैर फैलाने का मौका मिल गया।
कोरोना की तीसरी लहर एक अंदेशा मात्र है। इसकी वैज्ञानिकों अथवा अन्य के द्वारा किसी प्रकार की कोई भविष्यवाणी और पुष्टि नहीं की गई है। केवल आशंका जताई जा रही है। इस आशंका के आधार पर ही हमें सतर्क और जागरूक होकर रहना होगा अर्थात इस बार कोरोना की तीसरी लहर आती है तो, सरकार और सामान्य जन को पूरी तैयारी करके रखना होगी।
तीसरी लहर के आने की आशंका के साथ-साथ एक भयानक अंदेशा और भी है कि, इस बार कोरोना की तीसरी लहर वृद्धों और व्यस्कों की अपेक्षा बच्चों पर अधिक प्रभावी होगी। इसका कारण यह है कि, कोरोना की वैक्सीन का परीक्षण केवल 16 वर्ष की आयु तक ही किया गया है। इससे कम पर नहीं। सरकार और विशेषज्ञों द्वारा यह सलाह दी गई है कि, बिना परीक्षण के बच्चों को किसी प्रकार की कोई वैक्सीन न दी जाए। इसलिए हमें अपने बच्चों को कोरोना से सुरक्षित रखना होगा। कई देशों और स्थानों पर वर्तमान में कोरोना से तीसरी लहर की तैयारी शुरू कर दी है ।
अतः सरकार अपना काम कर रही है। लेकिन सरकार के साथ-साथ सामान्य जन अर्थात हम सभी की भी यह जिम्मेदारी है कि, कोरोना के नियमो का पूरी कढ़ाई के साथ पालन करें। संभावित तीसरी लहर के लिए हर प्रकार की जागरूकता रखकर खुद को, अपने परिवार, समाज, देश और विशेषकर देश के भविष्य बच्चों को सुरक्षित रखें। हम सभी को कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा। और जब तक कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता तब तक कोरोना के नियमों का पालन करते ही रहना होगा। चाहे देश में लॉक डाउन की स्थिति हो अथवा नहीं। यही हम सब की समझदारी और सही मायने में जागरूकता होगी और हम सब सुरक्षित होंगे।
— लक्ष्मी सैनी