कविता

रेलवे स्टेशन

अपराधी हैं
तो का हुआ !
एकतरफ आप
अपराध करते जाइये,
दूसरी तरफ आप
इलेक्शन लड़ते जाइये
और आपके
राजनीतिक दल
आपके कुख्यात होने का
तीन बार करेंगे
प्रचार-प्रसार !
××××
हमारे उपनिषद में
दर्ज है
कि पहाड़ जैसे
‘पाप’ भी
ध्यानयोग से
खत्म हो जाते हैं,
परंतु इनका तात्पर्य
यह कदापि नहीं है
कि एकतरफ आप
पाप करते जाइये
और दूजे तरफ
इस पाप को
खत्म करने के लिए
‘ध्यान’ करते जाइये !
अपराधी तो अपराधी है !
××××
रेलवे स्टेशन पर
चाय बेचे,
तो पीएम हो गए !
रेल स्टेशन की गायिका
रानू मंडल को
फ़िल्म मिल गयी !
भविष्य का निर्धारण
अब रेल स्टेशन करेंगे ?
××××
‘नहीं पास आये,
नहीं दूर जाए,
बहानों की भी
ये अजब-सी है
दुनिया !’
डॉ. सीमा
विजयवर्गीय की
कवितांश
है इसी बहाने !

 

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.