रेलवे स्टेशन
अपराधी हैं
तो का हुआ !
एकतरफ आप
अपराध करते जाइये,
दूसरी तरफ आप
इलेक्शन लड़ते जाइये
और आपके
राजनीतिक दल
आपके कुख्यात होने का
तीन बार करेंगे
प्रचार-प्रसार !
××××
हमारे उपनिषद में
दर्ज है
कि पहाड़ जैसे
‘पाप’ भी
ध्यानयोग से
खत्म हो जाते हैं,
परंतु इनका तात्पर्य
यह कदापि नहीं है
कि एकतरफ आप
पाप करते जाइये
और दूजे तरफ
इस पाप को
खत्म करने के लिए
‘ध्यान’ करते जाइये !
अपराधी तो अपराधी है !
××××
रेलवे स्टेशन पर
चाय बेचे,
तो पीएम हो गए !
रेल स्टेशन की गायिका
रानू मंडल को
फ़िल्म मिल गयी !
भविष्य का निर्धारण
अब रेल स्टेशन करेंगे ?
××××
‘नहीं पास आये,
नहीं दूर जाए,
बहानों की भी
ये अजब-सी है
दुनिया !’
डॉ. सीमा
विजयवर्गीय की
कवितांश
है इसी बहाने !