महात्मा का जन्म और प्रेम की सार्थकता
मोहनदास करमचंद गाँधी” का जन्म
भले ही गुजरात, सौराष्ट्र में हुआ था,
किन्तु “महात्मा गाँधी” का जन्म
बिहार में हुआ था !
“मजनूँ का टीला”
एक जगह का नाम है,
किन्तु वहाँ लैलाओं की सम्मान में
कोई स्मारक नहीं है !
आज एक मित्र ने
मुझे ऐसा ही बताए !
आज चाँद इतनी उदास है क्यों ?
आसमाँ में अकेली मुझे ही निहार रही..
मुझे तो धरती पर की कोई चाँद चाहिए..
मेरी चाँद ! मेरी सलोनी चाँद !
प्रेम की सार्थकता,
प्रेम करते रहने में है;
प्रेम तो निभाने में स्थित है,
पाने में इनकी रुचि नहीं है !
ईश्वर से लड़नेवाले
नामवर जी आज भी
इनसे किसी दुआ की
अपेक्षा नहीं रखते!
वे अविराम लोचा हैं,
शीघ्र ही नीम अंधेरे से
बाहर निकल आएंगे !
पर आए नहीं।