गीत/नवगीत

प्रेम गली में साथ चलेंगे

मिलना फिर शुरू करेंगे, कोरोना को गल जाने दो।
प्रेम गली में साथ चलेंगे, संकट यह टल जाने दो।।
माना संकट बहुत बड़ा, पर साहस भी है साथ खड़ा।
मानवता की सेवा हित, उर द्वार खुले हर हाथ बढ़ा ।।
मुसकायेगा नवल चंद्र फिर, सांझ तनिक ढल जाने दो।।
ईश्वर वेश बदलकर आया, पीड़ा दुख-दर्द बंटाने।
आशा के शत दीप जलाये, मन का तम पीर घटाने।
ठहर तनिक करो अर्चना, कल्मषता सब जल जाने दो।।
सुखमय जीवन की राह मिली, खुशियों की मृदु कली खिली।
द्वंद्व-द्वेष के काट आवरण, उर-आंगन शुभ धूप खिली।
पायल के स्वर में श्वास मिला, मन पंछी  पल जाने दो।।
— प्रमोद दीक्षित मलय

*प्रमोद दीक्षित 'मलय'

सम्प्रति:- ब्लाॅक संसाधन केन्द्र नरैनी, बांदा में सह-समन्वयक (हिन्दी) पद पर कार्यरत। प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक बदलावों, आनन्ददायी शिक्षण एवं नवाचारी मुद्दों पर सतत् लेखन एवं प्रयोग । संस्थापक - ‘शैक्षिक संवाद मंच’ (शिक्षकों का राज्य स्तरीय रचनात्मक स्वैच्छिक मैत्री समूह)। सम्पर्क:- 79/18, शास्त्री नगर, अतर्रा - 210201, जिला - बांदा, उ. प्र.। मोबा. - 9452085234 ईमेल - [email protected]