सफर हो सुहाना
रेल आयी,रेल आयी
छुक छुक,छुक छुक
रेल आयी
अंश,लीची,रिया,प्राची
आओ आओ,जल्दी जल्दी
देखो लाल बत्ती जली हैं
रेलगाड़ी स्टेशन पर रुकी हैं
ना करो तुम धक्कम धक्की
झटपट आ जाओ सभी
रेल राष्ट्रिय संपदा हमारी
ना पहुंचाये कोई हानि
निर्धारित समय पर अपने
गंतव्य की ओर चली
रेल चली,रेल चली
लंबी लंबी हो रही कतार
एक दूजे का थाम लो हाथ
संभल कर आ जाओ अंदर
बैठो अपनी अपनी सीट पर
कूड़ा करकट न फेंको यंहा
स्वच्छता का ध्यान रहे सदा
हरी बत्ती लो जल गयी
सिटी गाड़ी की बुला रही
सब की चहेती रेल चली
अपने लक्ष्य की ओर चली
रेल चली,रेल चली
देखो पहाड़,सुंदर वन
लहराते वृक्ष,ठंडी पवन
फूलों सजी वंदनवार
कितनी सुंदर औ मनोहर
झर झर झरते शुभ्र प्रपात
प्रकृति ने किया शृंगार
गांव गांव शहर शहर
कितना आरामदेह सफर
अपनों से मिलवाने चली
अपनी मंजिल की ओर चली
रेल चली रेल चली
छुक छुक छुक छुक
रेल चली
सफर हो सुहाना
शुभकामना हमारी।
चंचल जैन