दोहा छंद रचनाएँ
1) ले धागे को साथ में, ऊँची उडे पतंग। छूना है आकाश को, मन में आस उमंग।। 2) हिंदी से
Read More1) ले धागे को साथ में, ऊँची उडे पतंग। छूना है आकाश को, मन में आस उमंग।। 2) हिंदी से
Read Moreढूँढ रहा हैं मासूम नवजात, माता के आँचल की छाँव, पिता की छत्रछाया,अरु, चट्टान सी अटल ठाँव।। हद से पार
Read Moreमकर संक्रांति हमारा प्यारा त्यौहार है। हल्की हल्की ठंड का गुलाबी मौसम। रंग बिरंगी पतंगों से सजा आकाश। एक तो
Read Moreहंसवाहिनी माँ सरस्वती, विराजो हृदय में भगवती, ज्ञान दीप आलोक भर दो, विद्या धन दो माँ भारती।। कोकिल कंठ सुर
Read Moreलिख दो दोस्ती के नाम, सुंदर सा एक पैगाम।। भेद न कोई मन में रखे, मित्रता ऊँच-नीच न देखे।। मित्रता
Read Moreसूरज किरणें सुनहरी, चेतन दिव्य प्रकाश। खिले पुष्प सुरभित धरा, हर्षित हैं आकाश।। हर्षित है आकाश, प्रेम रस मधुमय धारा।
Read Moreरटती गिरिधर नाम की, माला सुधबुध भूल। गाथा निर्मल प्रेम की, भक्ति भाव के फूल। भक्ति भाव के फूल, थाट
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