क्षणिका

इश्क़ का ‘भय’ इज़हार

कहते हैं हमने
मकां बना लिया !
खुद हम ही हैं मिट्टी के,
औ’ मुमताज भी
मिट्टी में दफन हो गई ।
××××
भय सदैव
बरकरार रहे,
तभी सत्ता
कायम रह सकती है !
ईश्वर का भय,
सरकार का भय
या मौत का भय…
××××
बड़े अरमानों से
मैंने भी एक वक़त,
खूब लगाई थी
क्रीम ‘फ़ेयर & लवली’,
किन्तु न तो मैं
‘फेयर’ हो सका,
और न ही अबतक
मिल पाई ‘लवली’ !
××××
आपको चेहरे से भी
बीमार होना चाहिए,
इश्क़ है तो इश्क़ का
इज़हार होना चाहिए।
आओ मुनव्वर राना,
भाग जाओ कोरोना !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.