दावानल
जंगल ही नही सुलगते
दिलों में भी सुलगता है लावा
जंगल जब सुलगते हैं
जला कर खाक कर देते है
जंगल के जंगल
रह जाती है राख
बचे रहते हैं कुछ अवशेष
दिलों के सुलगने पर भी
कुछ ऐसा ही होता है
जल कर राख हो जाता है
सबकुछ
बची रहती हैं
धुंधली धुंधली स्मृतियां