वैधव्य जीवन दिवस
किसी दोस्त ने कहा, आज अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस है । बड़े समाजविद राजा राम मोहन राय, ईश्वरचंद्र विद्यासागर आदि ने विधवाओं के पुनर्विवाह कराकर ऐसी देवियों को उनकी नीरस हो चले जीवन को सुंदर और सुखद अहसास दिला पाए थे।
मैं जिस समाज में रहता हूँ, यहां वैधव्य जीवन में आ चुकी ब्राह्मण कन्याओं के पुनर्विवाह की प्रतिशतता अत्यल्प है । अपनी युवापन में ही विधवा हो चुकी ऐसी ब्राह्मणी का पुनर्विवाह उनके जीवन को मधुर और सुखद बनाने के लिए आवश्यक है !
उसे विधवा-विलाप करने से बचाइए ! ऐसे सामाजिक प्रकाश को आगे बढ़ाइए ! बेटी समाज की होती है, न किसी कुम्हार की, राजपूत की या न गंगू तेली की, न धनेश्वर बाबू की !