लघुकथा

अहर्निशं सेवामहे

डाक-सामग्री में सबसे दिलचस्प सामग्री (Item) ‘पोस्टकार्ड’ है, जिनका मूल्य सबसे न्यूनतम है, जो पूरी दुनिया में ऐसे ही है तथा जिसके वितरण पर किसी डाक विभाग को खर्च 10 गुना तो अवश्य आता है । दुनिया का पहला पोस्टकार्ड पहली अक्टूबर 1869 को निकला था, जो पीले कार्ड के रूप में था, जो अब भी कमोबेश ऐसे ही है, तथापि कालांतर अन्य रंगों के पोस्टकार्ड भी प्रकाशित हुई । मेरे परिवार से 2 सदस्य डाक कर्मी रहे हैं और ‘अहर्निश सेवामहे:’ सूक्त में लीन रहे हैं । मेरे पिताजी डाककर्मी रहे हैं, उनके पास अनेक टाइप और मूल्य के डाक-टिकटें और पोस्टकार्ड तथा लिफ़ाफ़े उपलब्ध है, जो रिकार्ड्स के लिए लगे हैं ।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.