मैं भी चौकीदार (व्यंग्य)
युवतियाँ प्रेम विवाह
या अरेंज मैरिज भी करेंगी,
तो चुनकर ही
यानी वर डॉक्टर,
एमबीए या बी.टेक. हो;
चाहे बी.टेक. माने
खुजली की दवाई ठहरे !
होली में दूसरे की पत्नी ही
याद क्यों आती है ?
अपनी पत्नी तो
पूवे-पकवान बनाने में
व्यस्त रहती है !
लगा न झटका ?
बुरा ना मानो होली है !
पहले एक रात गाँवभर में
अकेले ही घूमकर
‘जागते रहो’ कहकर देखो,
तब कहना- ‘मैं भी चौकीदार !’
बुरा ना मानो होली है !
आजकल हवेलीवाले
जमींदार भी
कहने लगे हैं-
‘मैं भी चौकीदार!’
और एक स्टाइलिश
हेयरवाली कहती हैं
कि वो भी समुद्र में
तैरना जानती हैं !