तीसरी लहर और उससे बचाव
कोरोना की पहली और दूसरी लहर के आघातों से हम सभी अनभिज्ञ नहीं हैं।हर ओर यह आशंका भी व्यक्त की जा रही है कि तीसरी लहर पहली दोनों लहरों से भी अधिक घातक हो सकती है।इससे पहले कि तीसरी लहर प्रारंभ हो , हमें अपने बचाव के लिए आवश्यक उपाय कर लेने चाहिए।
हम सभी जानते हैं कि हमारे शरीर के साथ -साथ समस्त ब्रह्मांड की रचना पंच महाभूतों से हुई है।क्षिति,जल, पावक,गगन और समीर यही पंच महाभूत हैं।विद्वानों का कथन है कि कोरोना की पहली दोनों लहरें वायु तत्त्व के माध्यम से आईं।जिन्हें पूरे संसार ने झेला है।और आज भी उससे मुक्त नहीं हो पाया है।
मानव एक ओर जहाँ अपने भौतिक विकास के लिए पंच महाभूतों को अशुद्ध कर रहा है,यही कारण है कि अपने जीवन के लिए उतने ही अधिक खतरे भी उत्पन्न कर रहा है। पृथ्वी, पानी, पावक,गगन और पवन-सभी कुछ अपवित्र औऱ दूषित होने के कारण मानव के द्वारा ही नए-नए रोगों को आमंत्रित किया जा रहा है औऱ दोषारोपण किसी अन्य पर करता हुआ अघाता नहीं है।
जैसा कि पहले ही कहा गया है कि पहली दोनों लहरें वायु तत्त्व के माध्यम से आईं।और सारे विश्व में प्राण वायु ऑक्सीजन के अभाव के कारण लाखों लोग विदा हो गए। आगामी तीसरी लहर जल तत्त्व आधारित होगी।जल तत्त्व के माध्यम से वमन और डायरिया रोग तेजी से फैलने की आशंका व्यक्त की जा रही है।जो विशेष रूप से बच्चों को प्रभावित करेगी।कोई अन्य भी यदि उसकी चपेट में आता है ,तो उसे भी नहीं बख्शेगी।इससे भारत सहित विश्व के अनेक देशों में तबाही की आशंका है।
प्रश्न यह है कि तीसरी लहर से कैसे बचें और क्या सावधानियां बरती जाएँ कि रोग मुक्त रहकर अपने औऱ परिवार की रक्षा की जा सके। यदि अभी से सावधान रहकर बचाव कर लें ,तो सर्वथा उचित होगा। जितना पानी दिन भर के लिए पूरे परिवार को पर्याप्त हो ,उसे अच्छी तरह उबाल कर खुले में रखकर या पंखे की हवा से ठंडा कर लें।पानी को फ्रिज में रखकर ठंडा नहीं करना है। इसके बाद उसे छानकर मिट्टी के घड़े में भर कर ढँक दें। परिवार के लिए खाना बनाने और पीने के लिए आठ घण्टे तक इसी पानी का उपयोग करें। यदि पुनः पानी की आवश्यकता हो तो यही क्रिया दोहराएँ।आठ-नौ घंटे में उसमें कोई जीवाणु आदि पैदा नहीं होंगे औऱ वह पानी आपको निरोग रखेगा। वमन या डायरिया नहीं होगा। जब वमन औऱ डायरिया नहीं होगा ,तो तीसरी लहर छू भी नहीं पाएगी।
विद्वानों के द्वारा यह संभावना भी व्यक्त की गई है कि अप्रैल 2022 के बाद कोरोना पुनः तत्त्व का माध्यम बदलकर अग्नि तत्त्व का सहारा ले सकता है। वैसे नवम्बर 2022 में कोरोना की समाप्ति की आशा व्यक्त की जा रही है। तीसरी लहर अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 तक जा सकती है। इससे बचने का उपाय वैज्ञानिक विचारों पर आधारित है। इस लेख का यह अदना सा लेखक कोई भविष्य वक्ता नहीं है।वह तो मात्र एक अदना -सा विचारक है, इसलिए जो वैज्ञानिक विचारकों ने सुझाव दिए हैं,वही आपके समक्ष प्रस्तुत किए गए हैं। फ़िर मत कहना कि सचेत नहीं किया था। मेरा तो मात्र यही भाव है और सद्भाव भी : सर्वे संतु निरामया!
— डॉ. भगवत स्वरूप ‘शुभम’