राजनीति

भारत में अल्पसंख्यक वर्ग और जनजाति समुदाय पुनर्परिभाषित हो !

भारत के 25 करोड़ मुसलमान ‘अल्पसंख्यक’ क्यों और कैसे? सम्पूर्ण जम्मू-कश्मीर, रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठी मुसलमानों को जोड़कर भारत में लगभग 25 करोड़ इस्लाम धर्मावलम्बी व मुसलमान हैं । वर्त्तमान में दुनिया में सर्वाधिक मुसलमान भारत देश में रहते हैं । अब दूसरे स्थान पर इंडोनेशिया आ गया है, जहां की आबादी 22 करोड़ है, पाकिस्तान की आबादी 20.5 करोड़, बांग्लादेश की आबादी 15 करोड़, मुसलमानों की आबादी में पाँचवाँ स्थान मिस्र का है, जहाँ मुसलमानों यानी सभी की आबादी मात्र 8 करोड़ है।

जिस देश में संसारभर में सबसे ज्यादा मुसलमान रहते हैं, वो ‘अल्पसंख्यक’ कैसे हो सकते हैं ? भारतीय उपमहाद्वीप (पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यामांर) में लगभग 70 करोड़ मुसलमान हैं, इस उपमहाद्वीप में मूल हिंदुओं की संख्या लगभग 40 करोड़ (नेपाल को भी शामिल करके) है ! अब बताइये, अल्पसंख्यक कौन हैं ? इनका स्रोत विविध अन्वेषण और अध्ययनों पर आधारित है।

वहीं अगर बिहार में निषाद वर्ग को ST दर्जा मिल जाता है तो 2025 में मनिहारी विधायक ‘निषाद’ वर्ग से होंगे?अगर ‘निषाद’ वर्ग को ST का दर्ज़ा मिला, तो मनिहारी का अगला विधायक ‘निषाद’ से ही होंगे : तब खरवार, संथाल आदि यहाँ अल्पसंख्यक हो जाएंगे! तब हमें विधायक-उम्मीदवारी हेतु ‘आयात’ नहीं करने पड़ेंगे ! किन्तु तब हमें भय होगा कि अपार जनमत कहीं उन्हें ‘डिक्टेटर’ नहीं बना दे! क्योंकि लोकतंत्र में सत्ता अगर अल्पसंख्यक (जातिगत) के पास रहती है, तो यह ज्यादा ही संतुलित रहती है । निषाद वर्ग में कई जातियाँ हैं, जो मनिहारी विधान सभा क्षेत्र में बहुसंख्यक स्थिति में है।

ध्यातव्य है, जब यह क्षेत्र अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए सुरक्षित हुआ था, तब शायद अमदाबाद प्रखंड, मनसाही प्रखंड और मनिहारी प्रखंड के ‘किसान’ (चसौर) जाति को ST रूप में शामिल की गई थी । दरअसल, इस क्षेत्र के अमदाबाद प्रखंड में यह जाति बहुसंख्या में हैं, किन्तु वे ‘सामान्य वर्ग’ में आते हैं और किसी प्रकार की जाति प्रमाण-पत्र भी उन्हें प्राप्त नहीं है! ऐसे में सरकार की पहल सर्वप्रथम ‘किसान’ व चसौर जाति को ‘जनजाति’ (ST) में बदलने की पहल होनी चाहिए थी। समय अब भी चुका नहीं है !

आदिवासियों के जंगल से चिपके रहने के कारण कुलीन हिंदुओं ने भारत मे साम्राज्य स्थापित किया । हिंदुओं के विलासिता में डूबे रहने के कारण मुसलमानों ने देश को गुलाम बनाया और मुसलमान भी जब यहाँ विलासी हो गए, तब देश को ईसाइयों (अंग्रेजों) ने गुलाम बनाया ! अब देश के हर क़ौम और जाति के युवा विलासी हो गए हैं, ऐसे में गुलामी की पुनरावृत्ति लिए डर लगा रहता है!

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.