बादल
लहर लहर लहराते बादल।
बिजली संग इतराते बादल।।
सबके मन को भाते बादल।
जब नभ पर छा जाते बादल।।
काले लाल सुरमई भूरे,
क्या क्या रंग दिखाते बादल।।
ताल तलैया नदी समन्दर,
सब का मान बढाते बादल।।
जोर जोर से गरज गरज कर,
सब को खूब डराते बादल।।
होकर गुस्सा कभी कभी तो,
ओले भी बरसाते बादल।।
अक्सर पानी से धरती को
हरा भरा कर जाते बादल।।
लाकर सर्दी का मृदु मौसम,
गर्मी दूर भगाते बादल।।
— समीर द्विवेदी नितान्त