कविता

जाति धर्म

हिंदू
मुस्लिम
या
ईसाई
कौन थे हम जब पैदा हुए
आदम हव्वा से पैदा हुए
आदम थे हम
फिर यह भेद क्यों पैदा हुआ
किसका था यह काम
शायद यह काम उस शैतान सांप का ही रहा होगा
जिसने बरगलाया था हव्वा को
बाग के सेव के पेड़ का फल खाने को
जिसे ईश्वर ने समझाया था
आदम हव्वा को कि न खाना कभी
बाग के सेव के पेड़ का फल

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020