पत्रकारिता और हम
मेरे वरिष्ठ सहकर्मी और उर्दू पत्रकार ‘रब्बानी सर’ (श्री नईम अख़्तर रब्बानी सर) के 57वें जन्मदिवस पर उनके स्वस्थजीवन और नाबाद शतायुजीवन की शुभमंगलकामनाएँ ! पर कितने पत्रकार और संवाददाता हैं, जो BJ व MJ हैं।
गाँव-मोहल्ले व ज़िला स्तर के पचास फीसदी ये कलमकार मैट्रिक से स्नातक तक तो हो ही जाते हैं, स्नातकोत्तर कम हैं, किन्तु BJ और MJ की स्थितियाँ दशमलव भर ही हैं ! नब्बे फ़ीसदी ये लोगन नहीं हैं !
पत्रकार का अर्थ ‘पत्र’ के सृजनकार व रचनाकार से है, विशेषार्थ ‘संपादक’ ही पत्रकार है । समाचार पत्रों के लिए समाचार संकलन करनेवाले ‘संवाद-सूत्र’ व संवाददाता व स्ट्रिंगर होते हैं। कितने हैं, जो 10 समाचार एजेंसियों के नाम बता दें?
कितने हैं, जो अपने-अपने समाचार पत्र के 10 पूर्व संपादक के नाम बता दें ? कितने हैं, जो यह बता दे कि भारत में पत्रकारिता संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत हैं ?
ऐसे कितने संवाददाता हैं, जो PTI, PCI, IPU इत्यादि के वर्त्तमान अध्यक्ष व शब्द-विस्तार बता दे ? कोई बिहार के प्रथम उर्दू, मैथिली और संताली समाचार पत्र के नाम बता दे ? ‘मोसाद’ क्यों बना, कितने को पता होगा ?
‘भारतीय पत्रकारिता के जनक’ और ‘भारतीय पत्रकारिता के राजकुमार’ कौन हैं? ‘जागरण’ के प्रथम संपादक कौन थे ? पत्रकारिता में येलो, रेड क्या है ? हंस, बगुला, बया क्या है ? ऐसे प्रश्न हमारे खोजी अभियान चलानेवालों से प्रतिपक्ष भी पूछ सकता है, क्यों ? है ना !