हाइकु/सेदोका ताँका छँद *सुधीर श्रीवास्तव 17/07/202117/07/2021 सृजक आज क्या सृजन करता कैसे समझें बेसिर पैर बातें बस पन्ने रंगता। *** घोर निराशा मन में व्याप्त है आखिर कैसा समय आ गया है आज के समाज में। *** परिवर्तन होकर ही रहेगा संतोष रखो बस कर्म अपना अनवरत करो