दीर्घ चिंता लिए पारम्परिक विषय
प्राकृतिक निरुपाय के विहित गाँव या शहरों गली-मुहल्ले व चौक-चौराहे में जिसतरह से आवारा और लावारिश पशु घूमते हैं, इनकी बात तो जुदा तो है ही, किन्तु कुत्ते, सांड़, भैंसे, बोतु या बकरे, घोड़े, सूअर, बिल्ले इत्यादि द्वारा पत्नियों या प्रेमिकाओं या जोर-जबरदस्ती और खुलेआम जो निषेचन-क्रिया चल रही होती हैं, बेहद चिंता का विषय है, क्योंकि इससे नाबालिग और अविवाहित खराब तो हो रहे हैं, किन्तु शादी-शुदा भी ऐसे दृश्यों को देख घर आकर आत्मसात कर बैठते हैं !
क्या केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन, ग्राम पंचायत इन लावारिश पशुओं के लिए ‘सेक्स होम’ की व्यवस्था करेंगे! क्योंकि पक्षी तो वृक्ष आदि पर याराना संबंध बना लेते हैं ! मैंने इस जटिल समस्या पर केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन और निकायों को पत्र भी लिखा है, जवाब सभी संस्थाओं व निकायों से अनुत्तरित है !