‘साहित्य सौरभ’ कार्यक्रम में श्रोता हुए मन्त्र मुग्ध
नई दिल्ली 18 जुलाई। वैश्विक पटल पर सामाजिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक क्ष्रेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बना रही संस्था धाम इंटरनेशनल के “साहित्य सौरभ” पटल पर शख्सियत से रूबरू में साहित्य जगत की राष्ट्रीय ख्याति नाम कवियत्री सोनी सुगंधा ने अपनी सुमुधर वाणी में एक से बढ़कर एक अपनी रचनाओं की बेहतरीन प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में साहित्यिक रंगों से सरोबार कर दिया। साहित्य सौरभ कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ.सौरभ पाण्डेय ने अपने शायराना अंदाज में कवयित्री *सोनी सुगंधा* (जमशेदपुर)के व्यक्तित्व व कृतित्व को बहुत ही सुंदर तरीके से अभिव्यक्त करते हुए कार्यक्रम के चार चांद लगा दिए।
भोजपुरी व हिंदी की नामचीन कवियत्री सोनी ने मां शारदे की स्तुति करने के उपरांत वीरांगनाओं पर वीर रस में शानदार गीत प्रस्तुत किया।
* यह देश वीर बालाओ का,
आजादी की ललकार बनी,
प्राणों पर अपने खेल गई,
यह तेज खड्ग की धार बनी,
एक रानी झांसी थी जिसने जिससे अंग्रेजी ताकत थर्राई।।
की शानदार प्रस्तुति देकर श्रोताओं की बहुत दाद बटोरी।
माँ पर उनकी पंक्तियां इस प्रकार थी –
*मां की खुशियों से ब्रह्मांड खुश होता है
मां दुखी हो विधाता को दुख होता है
मां के सच में आंचल में जग की खुशी होती है
मां के चरणों में तीर्थों का सुख होता है ।।
इस ह्रदय स्पर्शी रचना ने सभी के दिलों को टच किया ।
सोनी सुगंधा के मुक्तक ने भी काफी वाही वाही बटोरी-
देश की वीरांगनाओं को समर्पित करते हुवे,कहा कि एक शहीद की शहादत को माँ कैसे प्रणाम करती है-
*सिसकती है कही चूड़ी,
कही पायल सिहरती है
कहीं राखी किसी बिरन कलाई को तरसती है
खड़ी गौरवान्वित है मां शहादत पर सिपाही की
तिरंगा पैरहन बनता धरा बाहों में धरती है ।।
*श्रोताओं के आग्रह पर गज़ल की प्रस्तुति दी –
* उल्फत की दास्तां है जरा गौर से सुनो
हर दर्द ही जवां जरा ग़ौर से सुनो रुसवाईयों के दौर में
आंखों ने जो कहा,वो दिल का ही बयां है जरा गौर से सुनो।।
ने सुनाकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।अंत मे 2 भोजपुरी में शानदार रचनाओं की भी प्रस्तुति दी। एक घण्टे का कार्यक्रम डेड घण्टे तक चला।
इस अवसर पर सीईओ डॉ प्रेम प्रकाश पांडेय,धरा गवर्नर डॉ शम्भू पंवार, प्रसिद्ध कवयित्री डॉ निक्की शर्मा, मुम्बई, डॉ रागिनी पांडेय, डॉ रामकृपाल राय,शौर्य चक्र से संम्मानित राजेश मिश्रा,डॉ स्वेता दीप्ति, डॉ विनय श्रीवास्तव, धर्मेंद्र सिंह, सोमनाथ पांडेय,डॉ एहसान अहमद,डॉ अमिताभ पाण्डेय, गुरु ,असीमिद सहित काफी संख्या में साहित्यिक विभूतियां उपस्थित थी।