गीत/नवगीत

गीत आजादी के

कफन बाँध गीत आजादी के गुनगुनाते रहेंगे।
भारत मां के  लिए जवान, जान लुटाते रहेगे।
ख़ौफ नाम की चीज दिल में उन के थी नहीं।
मरने  से  डरने  की  नियत  उन की थी नहीं।
जान हथेली लिए सिर कफन बाँध चल पड़े।
फिरंगियों के आगे  निर्भिक जवान  जा अड़े।
कट मरे  वीर अनेक जय भारत मां  बोल के।
मरते  मरते भी  रहे  खून जिस्म  के  खौलते।
मां के लाल मेले शहादत के  लगाते ही रहेंगे।
कफन बाँध गीत आजादी के गुनगुनाते रहेंगे।
मां की पावन भू पर फूल खिले भांत भांत के।
देश के लिए कुर्वान होनें चले वीर हर प्राँत से।
सिख हिंदु मुस्लिम ईसाई भेद सब ही भूल के।
हंसते  हंसते मिट गए फांसी के फंदे  झूल के।
आजादी के लिए नारी का  होसला बुलंद था।
देश के लिए मरमिटने का चढ़ा जनूनी रंग था।
भारत मां के सपूत चूम फांसियाँ सजाते रहेगे।
कफन बाँध गीत  आजादी के  गुनगुनाते रहेंगे।
नमन  माताओं को सूनी गोद जिन की हो गई।
नमन बहनें बिधवाएं जवानी जिन की खो गई।
नमन जवानी शहीद की  नाम वतन के हो गई।
देश के लिए मिटनें की अदा जवानों में हो गई।
स्वतंत्रता दिवस पर याद शहीदों की सता रही।
देश पर मर मिटने की अदा जवानों में आ रही।
दुश्मन को  राह अमन की  सदा दिखाते  रहेंगे।
कफन  बाँध गीत आजादी  के  गुनगुना  रहेंगे।
— शिव सन्याल

शिव सन्याल

नाम :- शिव सन्याल (शिव राज सन्याल) जन्म तिथि:- 2/4/1956 माता का नाम :-श्रीमती वीरो देवी पिता का नाम:- श्री राम पाल सन्याल स्थान:- राम निवास मकड़ाहन डा.मकड़ाहन तह.ज्वाली जिला कांगड़ा (हि.प्र) 176023 शिक्षा:- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लोक निर्माण विभाग में सेवाएं दे कर सहायक अभियन्ता के पद से रिटायर्ड। प्रस्तुति:- दो काव्य संग्रह प्रकाशित 1) मन तरंग 2)बोल राम राम रे . 3)बज़्म-ए-हिन्द सांझा काव्य संग्रह संपादक आदरणीय निर्मेश त्यागी जी प्रकाशक वर्तमान अंकुर बी-92 सेक्टर-6-नोएडा।हिन्दी और पहाड़ी में अनेक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। Email:. [email protected] M.no. 9418063995