पाठिका बेटी बहन मित्र
स्वाती स्नेह। इस वर्ष 1 अगस्त 2021 को मित्रता दिवस फ्रेंडशिप डे है। शुभकामना।
मेरी प्रकाशित पुस्तक कैरियर पढ़कर तुमने मुझसे संपर्क किया। पाठिका से बेटी से बहन से मित्र तक मेरे तुम्हारे मध्य एक लंबे समय से कभी दोस्ती कभी दुश्मनी के उतार चढ़ाव रहे हैं। टचवुड अभी भी हमारा संपर्क फोन पर बना हुआ है। मेरे डिप्रेशन में तुमने संकटमोचन की भूमिका निभाकर संजीवनी बूटी देकर मित्रता का धर्म निभाकर एक मिसाल समाज के समक्ष प्रस्तुत की। जब सारी दुनिया छोड़ जाती है, उस समय जो हमारे पास आता है, उसे ही तो मित्र परिभाषित किया गया है। मित्रता की इस परिभाषा कसौटी पर तुम चौबीस कैरेट का खरा सोना साबित हुई हो।
इतनी प्यारी दुश्मन जैसी दोस्त को एक बिग सैल्यूट। कई बार तुम्हें सबक सिखाने के लिए मुझे नकारात्मक उत्तर भी देने पड़ें। स्वाती मित्रा , हमेशा यस कहना संभव नहीं हो सकता। मध्यम वर्गीय रिटायर्ड विधुर प्राणी की सीमा होती हैं। फोन पत्र में सब लिखना बोलना संभव नहीं होता। ईश्वर के प्रति आभार , जिसने मेरी जीवन संध्या में एक बेटी सी बहन दी। वही ईश्वर कभी हम दोनों को साक्षात मिलने का अवसर भी शायद प्रदान करेगा, उस समय फेस टू फेस सब कुछ कहना एवम मन खोलना संभव हो सकेगा। कभी कभी फूट फूट कर रोने का मन करता है, लेकिन रोने के लिए कोई कंधा नहीं मिलता। फेसबुक पर फ्रेंड्स की एक लंबी लिस्ट, व्हाट्सएप पर सैंकड़ों कॉन्टैक्ट्स, मोबाइल में दो सौ नंबर सेव है। लेकिन इंसान फिर भी कितना अकेला है यह लिखना शब्दों मे संभव नहीं है।
तुम सपरिवार स्वस्थ खुश रहो। फ्रेंडशिप बैंड एवं राखी के धागे भेज सको तो अच्छा लगता है। पर संभव नहीं हो तो मजबूरी भी नहीं है। पति परमेश्वर परिवार ससुराल की जितनी सहमति स्वीकृति हो उतना ही करा करो। मेरे तुम्हारे निस्वार्थ पवित्र निर्मल सात्विक रिश्ते में कोई आंच नहीं आ सकेगी इतना भरोसा रखना। आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करो। बेटी बहन मित्र सभी रिश्ते निभाने का संकल्प है। शेष फिर कभी। हैप्पी फ्रेंडशिप डे। एक भाई मित्र फ्रेंड अंकल लेखक और डांटने वाला एक दुश्मन भी कभी कभी ==== दिलीप अंकल।
— दिलीप भाटिया