कविता

जय भारत,जय भारत !

मेरे प्रिय वीर जवानों, फौजी भाइयों,
सजग,सक्षम,सबल,साहसी प्रहरियों,
मातृभूमि पर न्योछावर आप का जीवन,
करू सादर शत शत नमन, अभिवादन।

न कंपकंपाती हवाएं, न कड़कती ठंड,
रोके न तेज चिलचिलाती धूप,
बर्फीली चोटियों पर भी न ठहरे कभी,
बढ़ते रहते आप कदम-दर-कदम।

आप ही से सुख चैन से जीते हैं हम,
आप ही से गुलशन गुलजार मौसम,
आप के शौर्य, साहस से भारत यशोगाथा,
मां भारती का अभिमान से उन्नत माथा।

सरहद तैनात सजग आप सुरक्षा प्रहरी,
मुस्तैद,चौकस,शोभित आप से बलिवेदी,
शहीद वीरों को हमारा शत शत नमन,
उम्र हमारी मिले आप को,प्रभु से अर्चन।

बलिदानों का गौरवगान आप ही से,
भारत माता का मान सम्मान आप ही से,
तिरंगे की शान,आन,बान आप के साहस से,
मातृभूमि का पुलकित हृदय वीर सपूतों से।

जयजयकार करते शहीद होते जवान,
मां भारती के लिए हसते हसते कुर्बान,
जवानों की शहादत को न हम भूलेंगे कभी,
मातृभूमि रक्षार्थ समर्पित करते जिंदगी।

भेज रहे स्नेह-रक्षा-सूत्र राखी,पिरोकर हार्दिक,
दुआयें,सदिच्छाये, मंगल शुभ कामनाएं,
सलामत,रहे आप,आप का संबल,हौसला, हिम्मत,
मातृभूमि के रक्षक,गाते रहे सदा विजयगान।

जय भारत,जय भारत !

चंचल जैन 

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८