नक्षत्रबली व्यक्तित्व
विज्ञान के अतुलनीय अध्यापक, जिनके छात्र अनेक वैज्ञानिक संस्थानों में शोधरत हैं तथा जो ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ से सादर पुरस्कृत हैं और जो सामाजिक कार्यों व दानादि में बढ़- चढ़कर हिस्सा लेते हैं ! सम्प्रति, कटिहार ज़िला के एक सुख्यात इंटर कॉलेज में सम्मानित प्राचार्य पद पर अपने दायित्व का यथेष्ट निर्वहन कर रहे हैं, ऐसे व्यक्तित्व व कृतित्व के हस्ताक्षर डॉ. नदीम अहमद खान सर के हाथों पुस्तक “पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद” और “लव इन डार्विन” ! हृदयग्राह्य आभार !
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स्वतंत्रता सेनानी नक्षत्र मालाकार एक कालजयी व्यक्तित्व हैं। ‘नक्षत्र मालाकार’ पर कई किंवदंती है, जो गलत है ! स्वतंत्रता सेनानी नक्षत्र मालाकार का प्रखंड और मेरा प्रखंड दोनों की सीमा कई किलोमीटर स्पर्श करती है। अगर shortcut रास्ता मापी जाय, तो मेरा घर और स्व. मालाकार के घर की बीच की दूरी मात्र 25 किलोमीटर है ! स्व. फणीश्वरनाथ रेणु जी ने तब जो जानकारी दी थी (‘मैला आँचल’ में चलित्तर कर्मकार के रूप में), उनमें कई खामी हैं ! उनके बारे में सही तथ्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।
स्व. नक्षत्र मालाकार के बेहद निकटतम सम्बन्धी स्व. मोरध्वज मालाकार और स्व. जितेन्द्रनाथ वर्मा के परिवार का आवास और मेरे घर के बीच की दूरी मात्र 25 कदम है, जो मेरे ही वार्ड में है । मैंने अपने दादाजी, मोरध्वज दादा, जीतेन दादा इत्यादि से इनके बारे में जाना, खुद गवाह भी रहा।
स्व. नक्षत्र मालाकार कभी चरवाहा नहीं रहे ! नाक-कान काटे जाने की बात सिर्फ महाजनों, जमींदारों आदि द्वारा फैलाई गई है, ताकि ब्रिटिश पुलिस उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार कर ले ! क्षेत्र के बूढ़े-पुराने लोग ऐसा कुछ नहीं जानते ! किन्तु उन्हें रॉबिन हुड के तौर पर जरूर जानते हैं कि वे धनियों से धन इकट्ठा कर गरीब की बेटियों के ब्याह हेतु बाँट दिया करते थे ! इस अलख कृतित्व के स्वामी पर मैं पिछले कुछ वर्षों से एक किताब लिख रहा हूँ, जो पूर्ण होने को है !