क्षणिकाएं
अरमान अधूरे दिल में रहे/
दीदार को दिल यह तरसा है/
सुलगी हूं फिर मैं विरह में /
और…
आंखों से सावन बरसा है!
अंजु गुप्ता ✍🏻
*********
बारिश
बाट निहारे, बैठी विरहन
लिये ख्वाब अधूरे रोती है !
शिकवा कर बतलाये किसको
आँखों से बारिश भी होती है !!
अंजु गुप्ता