क्षणिका

क्षणिकाएं

अरमान अधूरे दिल में रहे/

दीदार को दिल यह तरसा है/

सुलगी हूं फिर मैं विरह में /

और…

आंखों से सावन बरसा है!

अंजु गुप्ता ✍🏻

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बारिश

बाट निहारे, बैठी विरहन

लिये ख्वाब अधूरे रोती है !

शिकवा कर बतलाये किसको

आँखों से बारिश भी होती है !!

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed